SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 130
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १२० ] क्रमांक ग्रन्थाङ्क ६१८ ३०१२ सामुद्रिक सार्थ ६१६ | ३५२७ सामुद्रिक सार्थ ६२० ३२८० सारणी ६२१ ३२२६ सारसंग्रह ६२२ | १७६० | सारसंग्रह सबालावोध ६२३ ३७०१ सारसंग्रह सार्थ ग्रन्थनाम ६२४ १६६० सारावली ६२५ | ३०५६ | सारावली ६२६ १८६८ सावरण (५) ६२७ ३७५१ साहाकाढणरा दूहा ६२८ | २६१३ | सिद्धांतरहस्योदाहरण ६२६ | २६१० सिद्धान्तशिरोमणि सिद्धान्तशिरोमणि (खेटकर्म ब्रह्मतुल्यो ६३० २६६ दाहरण) ६३२ २६४० सिद्धांतशिरोमणिसटीक ६३३ २८६३ | सुभिक्षादिवर्णन पद्य ६३४ (१६) =१४ सूक्ष्मारोदय ६३५ १७६६ राजस्थान पुरातत्वान्बेषण मन्दिर लिपि - समय कर्त्ता ६३१ २६३८ सिद्धांतशिरोमणिसटीक भास्कराचार्य मुजादित्य (शिवस्वरोदय) सूतिकाध्याय जातककुंडली विचार पंडूवर्गविचार कल्याण कल्याण वर्मा मालदेवजी मोतीराम विश्वनाथ भास्कराचार्य भास्कराचार्य भाषा सं० मू.सं. बा. रा० गु० मू. महादेव भट्ट मू सं.अ. १७६७ मू.सं.य. १७वीं श. सार्थ रा० गु० मू.सं.अ. १७८१ रा० गु० रा० गु० स० 39 रा० "" सं० "3 " " टी कृष्णदैवज्ञ " " 22 १८वीं श. १६०४ १८११ रा० गु० १६वीं श १८४८ १८६१ १६१५ मू.सं.अ. १८२ पत्र संख्या १५ सं० १६वीं श ५ भुजनगर में लिखित । १८वीं श २०वीं श. १३६ रा० गू० १७वी श १० वां १५० ३० राधनपुर में लिखित २८ २५ १७वीं श. २ १६वीं श 可以 १७६३ | १–१३ |गुटका । (पर्वतसर में लिखित) इसके पांच पन्ने तो ठीक अवस्था अन्तिम पेज आपस में ऐसे चिपके हुए हैं जिन्हें खोल कर पढ़ना भी असम्भव है। ३ सं. १८३२ रचित । पत्र ७१वां श्रप्राप्त । पत्र ३,४ प्राप्त ७२ ६० १७ विशेष धमड़कानगर मे लिखित | ३२ पूर्ण । ३ ३३ | भुजनगर में लिखित
SR No.010607
Book TitleHastlikhit Granth Suchi Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages337
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy