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________________ १०] राजस्थान पुरातत्वान्वेषणं मन्दिर क्रमांक ग्रन्थाङ्क ग्रन्थनाम कर्ता | भापा | लिपि- पत्र समय | संख्या भापा विशेष | १८६६ ज्योतिपरत्नमाला सार्थ श्रीपति ३७०७ ज्योतिपरत्नमाला सार्थ ३७२५ ज्योतिपरत्नमाला सार्थ ३७३५ ज्योतिपरत्नमाला सार्थ मूसं.स्त.१६वीं श. १-१०७ रागु० मू.स स्त. १७८६ रागु० मू संस्त पत्र १५,१६वांअप्राप्त रागु० रतलाम में लिखित मूस स्त रतनपुरी मे लिखित 'रागू० विक्रमनगर मे वालाववोध रचना। स रागु १६वीं श १० १८वीं श. १-११ १७६७ | ६४२ ज्योतिप विचार २५७५ | ज्योतिप विचार १६३ ३४३६ ज्योतिप विचार ११२५ ज्योतिपश्लोकसंग्रह SAR हपकाति सस्कृत | १६६३ २३ १८२७६५-१८ ५८८ १६५ १६६ ज्योतिपसग्रह २५१६ ज्योतिषसार २५५३ | ज्योतिषसार १६७ ५२८ १८ ६३२ ज्योतिषसार दुहा १६६२७४१ / ज्योतिपसारशास्त्र १५५७ ताजिक ताजिक | २६१६ नीलकंठ १८वीं श. ५३ । रचना सं० १७२० मुंजादित्य १७१४ भगवदास २७ सं०१६६४में शाहजहां के शासन मे रचित मेघराज रागु० १८६६ क्षत्रिय गोवर्धन के लिये स० १७२३ मे भैंसरोड़ में रचित। राग०१८४६ १७ सम (र)सिह , १६वीं श. ४७ नीलकठ स० १८४० ४६ पत्र ४ था तथा से १० प्राप्त १६० शाके १५०६ में रचित । मू० नीलकठ टीकाकार ने आदि | टी० विश्वनाथ में अपना विस्तृत परिचय दिया है। गोवर्द्धनमस्कृत १८वीं श ३ " १८३७ १६ । सावरदा ग्राम में लिखित । २०० २६३६ ताजिक २०३ ३७१७ ताजिक X ताजिक (सज्ञातत्र) सटीक २०५ : ४०६ : ताजिकपद्मकोश ४१० । ताजिकपद्मकोश
SR No.010607
Book TitleHastlikhit Granth Suchi Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages337
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size12 MB
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