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________________ राजस्थान प्राच्यविद्याप्रतिष्ठान - विद्याभूषण-ग्रन्थ-संग्रह-सूची ] कर्त्ता क्रमाङ्क (१४) ६५ ६६ ६७ हद ६६ १०० १०१ १०२ ग्रन्थनाम (४) गुणमाल रावजी श्री इन्द्र सिंहजोरी (५) गीत (६) शिवनारायणका कवित्त (७) (८) रामचरित (६) पंदराग कक्का बत्तीसी स्फुट कवित्त रसिकप्रियां शाखोच्चार ( रामचरणजीकी साखी श्रादि ) रूपदीपक पिङ्गल रामायण श्रमीरनामा सर दफ्तरे श्रव्वुल फजल (१) ज्ञानसमुद्र छन्द ३०६ (२) सर्वाङ्गयोग श्रादि ग्रन्थ सां सबलसींघजीरी कही तुलसीदास भूधर, शिवराम श्रादि तुलसीदास रसीलीलाल गोपाल केशवदास (इन्द्रजित) जयकृष्ण कवि तुलसीदास सुन्दरदास लिपिसमय पत्र संख्या १६वीं. श. २७-४८ ACCC = = = | ४८- ५१ १-५ ५-७ ७-२४ २४-२६ ७ "" १८०५ ११८ २०वीं. श. १४६ विशेष विवरण आदि ११६ 99 १६१० १६ १६०६ ५० अनेक रावोंके सम्बन्ध में । | १६ ४६ अपूर्ण पत्र १-४ एवं ८- २६ तक प्रप्राप्त । | १७ + ४ = २१ पत्र १, २ तथा ८-१० तक प्राप्त | पत्र ४ नामप्रताप, स्वरोदय एवं जमपुरी अठाईस कुंडको श्राख्यान श्रादिके हैं । (सं.) रचनाकाल १७७३ । १६६ पद्योंमें रचित । शिवस्तुतिविषयक | [ ८७ उर्दू लिपिमें लिखित । यह टोंक के नवाब श्रमीरखांकी जीवनी है। इसका अंग्रेजी अनु वाद हो चुका है। राजस्थान के इतिहास के लिए महत्वपूर्ण पुस्तक है । (सं.) उर्दू लिपि में मुद्रित । : लि.क. - श्राशाराम । लि. क. - श्राशाराम, रामगढ़ में लिखित ।
SR No.010606
Book TitleVidyabhushan Granth Sangraha Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopalnarayan Bahura, Lakshminarayan Goswami
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1961
Total Pages225
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size9 MB
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