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________________ राजस्थान प्राच्यविद्याप्रतिष्ठान-विद्याभूषण-ग्रन्थ-संग्रह-सूची ] विशेष विवरण आदि लिपिसमय पत्रसंख्या कर्ता क्रमाङ्क ग्रन्थनाम १७६६ २७वां (८) सप्तश्लोकी गीता महाभारतोक्त (९) चतुःश्लोकी भागवत . भागवतोक्त (१०) पचीस नाम वेदव्यास । (११) श्रीरामस्तोत्र श्रीलक्ष्मणप्रोक्त (१२) रामाष्टक शङ्कराचार्य (१३) चौबीस अवतार कवित्त अग्रवास (नाभादास) (१४) दहा-प्रास्ताविक कवित्त-गढा । (१५) कवित्त तथा हीराबेधी कवित्त ३, गूढा २८वां (२६-३६ ३६-३७ । कुल १४६ पद्य हैं। हीराबंधी कवित्तोंका प्रारम्भिक पद्यांश'आगरे' केसोंह प्यारे 'सूरति' तिहारी | विन देते 'चंदेरी' रंग 'बीजापुर' जात ३८-४० ४४-५३ (१६) दूहा तथा अन्तर्लापिका कवित्त (१७) गुण नाग दव (म)णि (छंद- सांई कवि भुजंगी) पवाडो (१८) कवित्त आदि सुन्दरदास आदि (१६) कवित्त १५ । रसषांन (२०) स्फुट कवित्त अनेक कवि | ये कवित्त अनेक कवियों द्वारा रचित हैं। इनमें गंगाजीको प्रभाव, वेसर-वेसरमोती, बारहमासा आदिके कवित्त हैं। अधिकतर नैन (नेत्र) के कवित्त हैं । (सं.)
SR No.010606
Book TitleVidyabhushan Granth Sangraha Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopalnarayan Bahura, Lakshminarayan Goswami
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1961
Total Pages225
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size9 MB
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