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________________ सर्वतोमुखी व्यक्तित्व ६५ मौलाना आजाद वेष-भूषा से बहुत सीधे और विचारों में बहुत ऊँचे थे । वे जैन-धर्म को आदर के साथ देखते थे । मीरा बहिन से भी इस अवसर पर बहुत गम्भीर एवं विचारपूर्ण चर्चा हुई। मीरा बहिन पंजाबी वेष-भूषा में थीं, और ऐसी लगती थीं, मानों जन्म-जात भारतीय नारी हों । इस पाश्चात्य नारी ने भारतीय संस्कृति में अपने को एकाकार कर दिया है । सन् पचास में कवि जी आगरा से दिल्ली होकर व्यावर वर्षावास के लिए जा रहे थे । उस समय दिल्ली में वे राष्ट्रपति राजेन्द्र बाबू से मिले थे । राष्ट्रपति का स्वास्थ्य ठीक न होने से मिलने का स्थान राष्ट्रपति भवन ही रहा । कवि जी को वे बड़े प्रेम और आदर के साथ मिले । इस अवसर पर दिल्ली के बाबू गुलावचन्द जी जैन जो कवि श्री जी के प्रति प्रारम्भ से ही भावना - शील एवं श्रद्धालु सहयोगी रहे हैं, और आगरा के सेठ रतनलाल जी भी साथ में थे । राष्ट्रपति वेष-भूषा से सरल, प्रकृति से सौम्य और स्वभाव से बहुत ही मधुर व्यक्ति हैं । उनकी ज्ञान गरिमा का तो कहना ही क्या ? बातचीत के प्रसंग में कवि जी से उन्होंने कहा--- "मुझे इस बात का गर्व है, कि मैं भी भगवान् महावीर की जन्म-भूमि में ही जन्मा हूँ । मुझे महावीर के अहिंसा, अनेकान्त और अपरिग्रह के सिद्धान्तों में पूर्ण विश्वास है ।" फिर कवि जी से उन्होंने धर्म, दर्शन, संस्कृति, साहित्य, प्राकृत और पाली भाषाओं के विषय में अनेक प्रश्न पूछे । कवि जी का उत्तर सुनकर वे बोले - " आज के राष्ट्र को आप जैसे उदार विचार वाले सन्तों की बहुत बड़ी आवश्यकता है ।" कवि जी और राष्ट्रपति में लगभग दो घंटे तक वार्तालाप होता रहा । राष्ट्रपति भारतीय संस्कृति, धर्म, दर्शन और इतिहास के उच्चकोटि के विद्वान् हैं । उनका अध्ययन बहुत लम्बा और गम्भीर है । शिष्टाचार में वे गांधी जी जैसे ही मधुर व्यक्ति हैं । सन्तों का वे विशेष आदर करते हैं । राष्ट्रपति के साथ में कवि जी महाराज की विचार गोष्टी जिस विषय में हुई, उसके सम्बन्ध में सुरेश मुनि जी का एक संस्मरणात्मक लेख यहाँ दे रहा हूँ &
SR No.010597
Book TitleAmarmuni Upadhyaya Vyaktitva evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaymuni Shastri
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1962
Total Pages225
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth, Biography, & Literature
File Size10 MB
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