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________________ - ५५ सर्वतोमुखो व्यक्तित्व वर्तमान युग में आगमों के एक शुद्ध एवं स्थिर संस्करण की अत्यन्त आवश्यकता है। कम-से-कम मूल पाठ तो पाठकों के हाथों में सर्वशाखा-सम्मत एक-रूपता में पहुँचना ही चाहिए। परन्तु खेद है, कि श्वेताम्बर परम्परा की तीनों प्रमुख शाखाओं की ओर से अभी तक इस प्रकार का कोई उपक्रम नहीं किया गया। यद्यपि तीनों शाखाओं में कुछ समय से आगमोद्धार. की चर्चा यदा-कदा सुनने को मिल जाती है। परन्तु अभी तक सर्व-सम्मत पाठ वाली एक संहिता की ओर ध्यान नहीं दिया गया है। श्री पुण्यविजय जी वर्षों से आगम-सम्पादन के लिए प्रयत्नशील हैं। तेरापंथ समाज भी आगमों के कार्य को हाथ में ले चुका है। स्थानकवासी जैन कान्फ्रेंस भी आगमों के सम्पादन और प्रकाशन का वर्षों से प्रचार कर रही है। पर, यह सव अलग-अलग प्रयत्न हैं, समवेत प्रयत्न अभी तक इस दिशा में किसी की ओर से भी नहीं किया गया। मेरा यह विचार वर्षों से रहा है, और आज भी वह ज्यों का त्यों स्थिर है, कि मूर्ति-पूजक, स्थानकवासी और तेरापंथ के अधिकृत विद्वानों का एक प्रभावशाली प्रतिनिधि मण्डल किसी योग्य स्थान पर मिलकर प्राचीन आगम-वाचनाओं के अनुरूप पहले आगमों के मूल पाठों का एकीकरण एवं स्थिरीकरण कर लें। मूल पाठों के शुद्ध और स्थिर हो जाने के वाद उनका प्रकाशन होना अधिक हितकर एवं श्रेयस्कर रहेगा। वर्तमान आगम प्रकाशन एकांगी एवं एक पक्षीय होते हैं, फलतः विभिन्न पाठ भेदों में उलझे रहने के कारण पाठक को कभी-कभी बहुत बड़े भ्रांति-चक्र में डाल देते हैं। आगम हमारी संस्कृति एवं सभ्यता के मूल-स्रोत हैं। हमारी श्रद्धा के केन्द्र-विन्दु हैं। प्राचीन आचार्यों ने उन पर नियुक्ति, भाष्य, टीका और टव्वा लिखकर ज्ञान के क्षेत्र में महान् साधना की है। उनकी महान् सेवाओं का अपलाप नहीं किया जा सकता। परन्तु 'आज हमारा क्या कर्त्तव्य है ?' इस पर गम्भीरता से विचार करके कोई प्रभावशाली.कदम उठाना चाहिए। ___ वीर जयन्ती आ रही है। वह तो प्रतिवर्ष ही आती है। भगवान महावीर के नाम का कोरा नारा लगाने से कोई लाभ नहीं। आज का युग नारों का नहीं, रचनात्मक काम करने का है ।
SR No.010597
Book TitleAmarmuni Upadhyaya Vyaktitva evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaymuni Shastri
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1962
Total Pages225
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth, Biography, & Literature
File Size10 MB
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