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________________ व्यक्तित्व और कृतित्व सके, तो वह यह है कि कवि श्री जी अपने प्रति, संघ के प्रति और साथियों के प्रति ईमानदार हैं, वफादार हैं । इसी बात पर क्या, नवीन और क्या प्राचीन-समाज के सभी तत्त्वों का उनके ऊपर पूर्ण विश्वास है। कवि श्री जी आशा की एक जलती हुई ज्योति हैं। उनके अन्तर्मन में सदा अाशा का प्रकाश अठखेलियाँ करता रहता है। उनकी आत्मा आशा की आभा से जगमगाती रहती है। जीवन के किसी भी मोड़ पर, जीवन के किसी भी क्षण में हताश, निराश अथवा अधीर होना उन्होंने कभी सीखा ही नहीं । सादड़ी सम्मेलन के अवसर पर एक सज्जन ने प्रश्न किया था-"सम्मेलन की सफलता के विपय में आप आशावादी हैं या निराशावादी ?" कवि जी ने तत्काल उत्तर दिया"सौ में सौ टका आशावादी।" एक सच्चे समाज-सुधारक का यह एक मौलिक गुण है । कवि जी की दृष्टि में भय ही एक अपराध, और अक्षम्य पाप है ! "अाशा मानव की परिभाषा" यह उनका जीवन-सूत्र है । कवि श्री अमरचन्द्र जी महाराज के जीवन में एक क्रांतिकारी नेता के लिए आवश्यक सभी गुण प्रचुर मात्रा में विद्यमान हैं । अपने आदर्श और लक्ष्य के प्रति एकनिष्ठ श्रद्धा, निर्भयता, प्रत्युत्पन्न बुद्धि, अद्भुत्त कार्य-क्षमता और समाज, संघ और साथियों के प्रति वफादार -- ये सव विशेपताएं उनमें कूट-कूटकर भरी हैं। निर्भयता तथा स्पष्टवादिता के कारण अपने क्रान्त, न्याय और जलते हुए विचारों को दवाना, छुपाना या कहते हुए दाएं-बाएं झांकना उन्होंने कभी जाना ही नहीं।"
SR No.010597
Book TitleAmarmuni Upadhyaya Vyaktitva evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaymuni Shastri
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1962
Total Pages225
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth, Biography, & Literature
File Size10 MB
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