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________________ [ 8 ] ३८. विशाललोचन । ३९. श्रतदेवता की स्तुति । ४०. क्षेत्रदेवता की स्तुति । ४१. कमलदल स्तुति । ४२. अड्ढाइज्जेसु सूत्र । ४३. वरकनक सूत्र । ४४. लघुशान्ति - स्तव । ४५. चउक्कसाथ सूत्र । ४६. भरहेसर की सज्झाय । 0.00 ४७. मन्नह जिणाणं सज्झाय । ४८. तीर्थ- वन्दन । ४९. पोसह पच्चक्खाण सूत्र .... .... ५०. पोसह पारने का सूत्र । .... ५१. पच्चक्खाण सूत्र । [ शीलाङ्ग के अठारह हज़ार भेदों का क्रम ।] 9.00 उक्त भरतादि का संक्षिप्त परिचय | .... .... .... .... [ लघुशान्ति-स्तव के रचने का और उस के प्रतिक्रमण में शरीक होने का सवब |] ... .... .... .... .... .... .... ... .... .... [ पौषध व्रत का स्वरूप और उस के भेदोपभेद । ] ... .... दिन के पच्चक्खाण । [ पच्चक्खाण के भेदोपभेद और उन का स्वरूप । ] १-नमुक्कारसहिय मुट्ठिसहिय पच्चक्खाण । २- पोरिसी साढपोरिसी - पच्चक्खाण । 04. १३२ १३४ १३५ १३६ १३७ " १३८ १३९ " १४९ १५१ १५५ १६६ १६९ १७२ "" १७४ १७५ "" 99 १७८
SR No.010596
Book TitleDevsi Rai Pratikraman
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSukhlal
PublisherAtmanand Jain Pustak Pracharak Mandal
Publication Year1921
Total Pages298
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Paryushan
File Size16 MB
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