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________________ १६५ भरहेसर की सज्झाय । १६. प्रभावती-उदायन राजर्षि की पट्टरानी और चेडा नरेश की पुत्री। -आव० पृ० ६७६ । २०. चेलणा-श्रेणिक की पट्टरानी, चेडा महाराज की पुत्री और भगवान् महावीर की परम-श्राविका। -श्राव० पृ०६५ तथा ६७४-६७७ । २१. ब्राह्मी-भरत चक्रवर्ती की वहिन । . ~आव० नि० गा० १६६ तथा पृ० १५३ । २२. सुन्दरी-बाहुबली की सहोदर बहिन । इस ने ६०००० वर्ष तक आयंबिल की कठोर तपस्या की थी। -श्राव०नि० पृ० . २३. रुक्मिणी-यह एक सती स्त्री हुई, जो कृष्ण की स्त्री रुक्मिणी से भिन्न है। २४. रेवती-भगवान् वीर की परम-श्राविका । इस ने भगवान को भाव-पूर्वक कोला-पाक का दान दिया था। यह अागामी चौबीसी में सत्रहवा तीर्थकर होगी। -भगवती शतक १५ । २५. कुन्ती-पाण्डवों की माता ।-शाता अध्ययन १६ । २६. शिवा-चण्डप्रद्योतन नरेश की धर्म-पत्नी और चेडा महाराज की पुत्री। -प्राव०पू०६७६ । २७. जयन्ती-उदायन राजर्षि की बुधा (फूफी) और भगवान् वीर की विदुषी श्राविका । इस ने भगवान् से अनेक महत्त्वपूर्ण प्रश्न किये थे। -भगवती शतक १२, उद्देश २।। २८. देवकी-वसुदेव की पत्नी और श्रीकृष्ण की माता। .२६. द्रोपदी-पाण्डवों की स्त्री। -ज्ञाता अध्ययन १६ । ३०. धारिणी-चन्दनबाला की माता । -श्राव० पृ०३ ।
SR No.010596
Book TitleDevsi Rai Pratikraman
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSukhlal
PublisherAtmanand Jain Pustak Pracharak Mandal
Publication Year1921
Total Pages298
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Paryushan
File Size16 MB
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