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सञ्चालकीय वक्तव्य
राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान के केन्द्रीय पुस्तकालय, जोधपुर मे वर्ष १६६०-६१ तक १५,६२५ हस्तलिखित ग्रन्थो का सग्रह किया जा चुका है। इनमे से वर्ष १९५७-५८ तक प्राप्त ग्रन्थो की सूची "राजस्थानी हस्तलिखित ग्रन्थ-सूची, भाग १" प्रकाशित की जा चुकी है। अब वर्ष १९५८-५९ मे प्राप्त ७७४ राजस्थानी ग्रन्थो का विवरण प्रस्तुत ग्रन्थ-सूची के रूप मे प्रकाशित किया जा रहा है । ___ इस सूची का सम्पादन हमारे प्रतिष्ठान के शोध सहायक श्री पुरुपोत्तमलाल मेनारिया, एम ए , साहित्यरत्न ने योग्यतापूर्वक किया है। श्री मेनारिया ने परिश्रमपूर्वक ग्रन्थ-सम्बन्धी विशेष ज्ञातव्य प्रस्तुत किये हैं और परिशिष्ट के अन्तर्गत कतिपय ग्रन्थो के आदि-अन्त देने के अतिरिक्त ग्रन्थकार नामानुक्रमणिका तैयार की है। सन्तोष का विषय है कि सूचीपत्र के निर्माण मे निर्धारित रीति-नीति का तत्परतापूर्वक पालन किया गया है ।
प्रस्तुत सूची-पत्र के प्रकाशन-व्यय का आधा भाग केन्द्रीय सरकार के वैज्ञानिक और सास्कृतिक मन्त्रालय ने प्रान्तीय भाषा-विकास योजना के अन्तर्गत प्रदान किया हैं, तदर्थ हम आभारी है।
भा--
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मुनि जिनविजय
सम्मान्य सञ्चालक, राज थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान,
जोधपुर।