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________________ ५१२ सुत्तागमे [ पण्णवणासुतं तिविहे पन्नत्ते । तंजहा-चक्खुदंसणअणागारोवओगे, अचक्खुदंसणअणागारोवओगे, ओहिदंसणअणागारोवओगे, एवं जाव थणियकुमाराणं । पुढविकाइयाणं पुच्छा । गोयमा ! दुविहे उवओगे पन्नत्ते । तंजहा - सागारोवओगे अणागारोवओगे य । पुढविकाइयाणं॰ सागारोवओगे कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते । तंजहा - मइअण्णाणसागारोवओगे, सुयअण्णाणसागारोवओगे य । पुढविकाइयाणं० अणागारोवओगे कहविहे पन्नत्ते? गोयमा ! एगे अचक्खुदंसणअणागारोवओगे पन्नत्ते, एवं जाव वणस्सइकाइयाणं । बेइंदियाणं पुच्छा । गोयमा ! दुविहे उवओगे पन्नत्ते । तंजहा - सागारोव - ओगे अणागारोवओगे य । बेइंदियाणं भंते! सागारोवओगे कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! 'चविपन्नत्ते । तं जहा - आभिणिबोहियणाण०, सुयणाण०, मइअण्णाण ०, सुथअण्णाणसागारोवओगे। बेइंदियाणं भंते! अणागारोवओगे कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! 'गे अक्खु दंसणअणागारोवओगे, एवं तेइंदियाण वि । चउरिंदियाण वि एवं चेव, नवरं अणागारोवओगे दुविहे पन्नत्ते । तंजहा - चक्खुदंसणअणगारोवओगे, अचक्खुदंसणअणागारोवओगे । पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं जहा नेरइयाणं । मणुस्साणं जहा ओहिए उवओगे भणियं तहेव भाणियव्वं । वाणमंतरजोइसियवेमाणियाणं जहा `णेरइयाणं ॥ ६५९ ॥ जीवा णं भंते! किं सागारोवउत्ता अणागारोवउत्ता ? गोयमा ! सागारोवउत्तावि अणागारोवउत्ता वि । से केणटुणं भंते ! एवं बुच्चइ - ' जीवा सागा - रोवउत्ता वि अणागारोवउत्ता वि' ? गोयमा ! जेणं जीवा आभिणिबोहियणाणसुयणाणओहिणाणमणपज्जवणाणकेवलणाणमइ अण्णाणसुयअण्णाणविभंगणाणोवउत्ता जीवा सागारोवउत्ता, जेणं जीवा चक्खुदंसणअचक्खुदंसणओहिदंसणकेवलदंसणोउत्ता तेणं जीवा अणागारोवउत्ता, से तेणद्वेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ – 'जीवा - सागारोवउत्तावि अणागारोवउत्ता वि' । नेरइया णं भंते ! किं सागारोवउत्ता अणागारोवउत्ता ? गोयमा ! नेरइया सागारोवउत्ता वि अणागारोवउत्ता वि । सेकेण भंते ! एवं वच्चइ० ? गोयमा ! जेणं नेरइया आभिणिबोहियनाणसुयनाणओहिनाणमइअन्नाणसुयअन्नाणविभंगनाणोवउत्ता तेणं नेरइया सागारोवउत्ता, जेणं नेरइया चक्खुदंसणअचक्खुदंसणओहिदंसणोवउत्ता तेणं नेरइया अणागारोवउत्ता, से तेण - तेणं गोयमा ! एवं च - जाव 'सागारोवउत्ता वि अणागारोवउत्ता वि', एवं जाव अणियकुमारा । पुढविकाइयाणं पुच्छा । गोयमा ! तहेत्र जाव जेणं पुढविकाइया · मइअण्णाणसुयअण्णाणोवउत्ता तेणं पुढविकाइया सागारोवउत्ता, जेणं पुढविकाइया अचक्खुदंसणोवउत्ता तेणं पुढविकाइया अणागारोवउत्ता, से तेणट्टेणं गोयमा ! एवं च जाव वणफइकाइया । बेइंदियाणं भंते! अट्ठसहिया तहेव पुच्छा ।
SR No.010591
Book TitleSuttagame 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorFulchand Maharaj
PublisherSutragam Prakashan Samiti
Publication Year1954
Total Pages1300
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, agam_aupapatik, agam_rajprashniya, agam_jivajivabhigam, agam_pragyapana, agam_suryapragnapti, agam_chandrapragnapti, agam_jambudwipapragnapti, & agam_ni
File Size93 MB
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