SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 122
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जाणविमाणरत्तमणी] सुत्तागमे ४७ तेसि ण तोरणाणं उप्पिं बहवे छत्ताइच्छत्ते पडागाइपडागे घंटाजुयले उप्पलहत्थए कुमुयणलिणसुभगसोगंधियपोंडरीयमहापोंडरीयसयपत्तसहस्सपत्तहत्थए सव्वरयणामए अच्छे जाव पडिरूवे विउव्वइ । तए णं से आभिओगिए देवे तस्स दिव्वस्स जाणविमाणस्स अंतो बहुसमरमणिजं भूमिभागं विउव्वइ । से जहाणामए आलिंगपुक्खरे इ वा मुइंगपुक्खरे इ वा सरतले इ वा करतले इ वा चंदमंडले इ वा सुरमंडले इ वा आयंसमंडले इ वा उरब्भचम्मे इ वा वसहचम्मे इ वा वराहचम्मे इ वा सीहचम्मे इ वा वग्घचम्मे इ वा छगलचम्मे इ वा दीवियचम्मे इ वा अणेगसंकुकीलगसहस्सवियए णाणाविहपंचवन्नेहिं मणीहिं उवसोभिए आवडपञ्चावडसेढिपसेढिसोत्थियसोवत्थियपूसमाणगवद्धमाणगमच्छंडगमगरंडगजारमारफुल्लावलिपउमपत्तसागरतरंगवसंतलयपउमलयभत्तिचित्तेहिं सच्छाएहिं सप्पभेहिं समरीइएहिं सउज्जोएहिं णाणाविहपंचवण्णेहिं मणीहिं उबसोभिए तंजहा-किण्हेहिं णीलेहिं लोहिएहिं हालिद्देहिं सुकिल्लेहिं, तत्थ णं जे ते किण्हा मणी तेसि णं मणीणं इमे एयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते, से जहानामए जीमूतए इ वा अंजणे इ वा खंजणे इ वा कज्जले इ वा गवले इ वा गवलगुलिया इ वा भमरे इ वा भमरावलिया इ वा भमरपतंगसारे इ वा जंबूफले इ वा अद्दारितु इ वा परहुए इ वा गए इ वा गयकलमे इ वा किण्हसप्पे इ वा किण्हकेसरे इ वा आगासथिग्गले इ वा किण्हासोए इ वा किण्हकणवीरे इ वा किण्हवंधुजीवे इ वा, भवे एयारूवे सिया?, णो इणढे समढे, ओवम्मं समणाउसो! ते णं किण्हा मणी इत्तो इतराए चेव कंततराए चेव मणुण्णतराए चेव मणामतराए चेत्र वण्णेणं पण्णत्ता। तत्थ णं जे ते नीला मणी तेसि णं मणीणं इमे एयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते, से जहानामए भिंगे इ वा भिंगपत्ते इ वा सुए इ वा सुयपिच्छे इ वा चासे इ वा चासपिच्छे इ वा णीली इ वा णीलीभेए इ वा णीलीगुलिया इ वा सामा इ वा उच्चन्तगे इ वा वणराई इ वा हलधरवसणे इ वा मोरग्गीवा इ वा अयसिकुसुमे इ वा बाणकुसुमे इ वा अंजणकेसियाकुसुमे इ वा नीलुप्पले इ वा णीलासोगे इ वा णीलबंधुजीवे इ वा णीलकणवीरे इ वा, भवेयारूवे सिया ?, णो इणढे समठे, ते णं णीला मणी एत्तो इतराए चेव जाव वण्णेणं पण्णत्ता । तत्थ णं जे ते लोहियगा मणी तेसि णं मणीणं इमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते, से जहाणामए उरब्भरुहिरे इ वा ससरुहिरे इ वा नररुहिरे इ वा वराहरुहिरे इ वा महिसरुहिरे इ वा बालिंदगोवे इ वा बालदिवायरे इ वा संझब्भरागे इ वा गुंजद्धरागे इ वा जासुअणकुसुमे इ वा किंसुयकुसुमे इ वा पालियायकुमुमे इ वा जाइहिंगुलए इ वा सिलप्पवाले इ वा पवालअंकुरे इ वा लोहियक्खमणी इ वा
SR No.010591
Book TitleSuttagame 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorFulchand Maharaj
PublisherSutragam Prakashan Samiti
Publication Year1954
Total Pages1300
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, agam_aupapatik, agam_rajprashniya, agam_jivajivabhigam, agam_pragyapana, agam_suryapragnapti, agam_chandrapragnapti, agam_jambudwipapragnapti, & agam_ni
File Size93 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy