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________________ द०७ प० भासा०] सुत्तागमे भिक्खुपडिमाओ पण्णत्ताओ, कयरा खलु ताओ थेरेहिं भगवंतेहिं बारस भिक्खुपडिमाओ पण्णत्ताओ? इमाओ खलु ताओ थेरेहिं भगवंतेहिं बारस भिक्खुपडिमाओ पण्णत्ताओ । तंजहा-मासिया भिक्खुपडिमा १, दोमासिया भिक्खुपडिमा २, तिमासिया भिक्खुपडिमा ३, च()उ(म)मासिया भिक्खुपडिमा ४, पंचमासिया भिक्खुपडिमा ५, छ(म)मासिया भिक्खुपडिमा ६, सत्तमासिया भिक्खुपडिमा ७, पढमा सत्तराइंदिया भिक्खुपडिमा ८, दोच्चा सत्तराइंदिया भिक्खुपडिमा ९, तच्चा सत्तराईदिया भिक्खुपडिमा १०, अहोरा(इ)इंदिया भिक्खुपडिमा ११, एगराइया भिक्खुपडिमा १२ ॥ १५४ ॥ मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवन्नस्स अणगारस्स निच्चं वोसट्टकाए चियत्तदेहे जे केइ उवसग्गा उववजंति, तंजहा-दिव्वा वा, माणुसा वा, तिरिक्खजोणिया वा, ते उप्पण्णे सम्मं (काएणं) सहइ खमइ तितिक्खइ अहियासेइ ॥ १५५ ॥ मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवन्नस्स अणगारस्स कम्पइ एगा दत्ती भोयणस्स पडिगाहित्तए एगा पाणगस्स, अण्णायउञ्छ सुद्धोवहडं निहित्ता बहवे दु[प]पयचउप्पयसमणमाणअतिहिकिवणवणीमगा, कप्पइ से एगस्स भुंजमाणस्स पडिगाहित्तए, णो दुण्हंणो तिण्हं णो चउण्हं णो पंचण्हं, णो गुम्विणीए, णो बालवच्छाए, णो दारगं पेजमाणीए, णो अंतो एलुयस्स दोवि पाए साइटु दलमाणीए, णो बा[व]हिं एलुयस्स दोवि पाए साथै दलमाणीए, एगं पायं अंतो किच्चा एगं पायं बाहिं किच्चा एलुयं विक्खंभइत्ता एवं दलयइ एवं से कप्पइ पडिगाहित्तए, एवं से नो दलयइ एवं से नो कप्पइ पडिगाहित्तए ॥ १५६ ॥ मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवन्नस्स अणगारस्स तओ गोयरकाला पन्नत्ता । तंजहा-आ[दि]इमे म[ज्झे]ज्झिमे चरिमे, आइमे चरेजा, नो मज्झे चरेजा, नो चरिमे चरेजा १, मज्झे चरेजा, नो आइमे चरेजा, नो चरिमे चरेजा २, चरिमे चरेजा, नो आइमे चरेजा, नो मज्झिमे चरेजा ३ ॥ १५७ ॥ मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवनस्स अणगारस्स छव्विहा गो-यर-चरिया पन्नत्ता । तंजहा-पेला, अद्धपेला, गोमुत्तिया, पतंगवीहिया, संवुक्कावट्टा, गत्तु (गंतु)पच्चागया ॥ १५८ ॥ मासियं. णं भिक्खुपडिमं पडिवन्नस्स अणगारस्स जत्थ णं केइ जाणइ कप्पइ से तत्थ 'एगरा(इं)इयं वसित्तए, जत्थ णं केइ न जाणइ कप्पइ से तत्थ एगरायं वा दुरायं वा वसित्तए, नो से कप्पइ एगरायाओ वा दुरायाओ वा परं वत्थए, जे तत्थ एगरायाओ वा दुरायाओ वा परं वसइ से संतरा छेए वा परिहारे वा ॥ १५९ ॥ मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवनस्स० कप्पइ चत्तारि भासाओ भासित्तए, तंजहा-जायणी, पुच्छणी, अणुण्णवणी, १ वण्णणविसेसमेयासिं ठाणतच्चठाणभगवईअंतगडाईहिंतो जाणियव्वं ।
SR No.010591
Book TitleSuttagame 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorFulchand Maharaj
PublisherSutragam Prakashan Samiti
Publication Year1954
Total Pages1300
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, agam_aupapatik, agam_rajprashniya, agam_jivajivabhigam, agam_pragyapana, agam_suryapragnapti, agam_chandrapragnapti, agam_jambudwipapragnapti, & agam_ni
File Size93 MB
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