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________________ ७९३ वि०५० स० २० उ० ५] सुत्तागमे तं०-सोइंदियउवचए एवं विइओ इंदियउद्देसओ निरवसेसो भाणियव्यो जहा पन्नवगाए। सेवं भंते ! सेवं भंते। त्ति भगवं गोयमे जाव विहरइ ॥ ६६६ ॥ वीसइमस्स सयस्स चउत्थो उद्देसो समन्तो ॥ __ परमाणुपोग्गले णं भंते ! कइवन्ने कइगंधे कइरसे कइफासे पन्नत्ते ? गोयमा ! एगवन्ने एगगंधे एगरसे दुफासे पन्नत्ते, तंजहा-जइ एगवन्ने सिय कालए सिय नीलए सिय लोहिए सिय हालिद्दए सिय सुकिल्लए, जइ एगगंधे तिय सुभिगंधे सिय दुन्भिगंधे, जइ एगरसे सिय तित्ते सिय कड्डए सिय कसाए सिय अंविले सिय महुरे, जइ दुफासे सिय सीए य निद्धे य १, सिय सीए य लुक्खे य २, सिय उसिणे य निद्धे य ३, सिय उसिणे य लुक्खे य.४ ॥ दुपएसिए णं भंते! खंधे कइवन्ने ? एवं जहा अट्ठारसमसए छहुद्देसए जाव सिय चउफासे पन्चत्ते । जइ एगवन्ने सिय कालए जाव सिय सुकिल्लए, जइ दुवन्ने सिय कालए य नीलए य १, सिय कालए य लोहिए य २, सिय कालए य हालिद्दए य ३, सिय कालए य सुकिल्लए य ४, सिय नीलए य लोहियए य ५, सिय नीलए य हालिद्दए य ६, सिय नीलए य सुकिल्लए य ७, सिय लोहियए य हालिद्दए य ८, सिय लोहियए य सुकिलए य ९, सिय हालिद्दए य सुछिए य १०, एवं एए दुयासंजोगे दस भंगा। जइ एगगंधे सिय सुभिगंधे सिय दुभिगंधे । जइ दुगंधे सुव्मिगंधे य दुभिगंधे य, रसेसु जहा वन्नेसु, जइ दुफासे सिय सीए य निद्धे य एवं जहेव परमाणुपोग्गले ४, जइ तिफासे सव्वे सीए देसे निद्धे देसे लुक्खे १, सव्वे उसिणे देसे निद्धे देसे लुक्खे २, राव्वे निद्धे देसे सीए देसे उसिणे ३, सव्वे लुक्खे देसे सीए देसे उसिणे ४, जइ चउफासे देसे सीए देसे उसिणे देसे निद्धे देसे लुक्खे १, एए नव भंगा फासेसु ॥ तिपएसिए णं भंते ! खंबे कइवन्ने० जहा अट्ठारसमसए छट्ठद्देसे जाव चउफासे प०, जइ एगवन्ने लिय कालए जाव लुकिलए ५, जइ दुवन्ने सिय कालए य सिय नीलए य १, सिय कालए, य नीलगा य २, सिय कालगा य नीलए य ३, सिय कालए य लोहियए य १, सिय कालए य लोहियगा य २, सिय कालगा य लोहियए य ३, एवं हालिद्दएणवि समं भंगा ३, एवं सुक्किएणवि समं ३, सिय नीलए य लोहियए य एत्थंपि भंगा ३, एवं हालिद्दएणवि समं भंगा ३, एवं सुकिल्लएणवि समं भंगा ३, सिय लोहियए य हालिद्दए य भङ्गा ३, एवं सुनिन्छएणवि समं भंगा ३, सिय हालिद्दए य सुकिल्लए य भंगा ३, एवं सव्वेते दस दुयासंजोगा भंगा तीस भवंति, जइ तिवन्ने सिय कालए य नीलए य लोहियए य १, सिय कालए य नीलए य हालिद्दए य २, सिय कालए य नीलए य सुकिल्लए य २, सिय कालए य लोहियए य हालिद्दए य ४, सिय कालए य लोहियए य सुनिलए य ५, सिय कालए
SR No.010590
Book TitleSuttagame 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorFulchand Maharaj
PublisherSutragam Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages1314
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, agam_acharang, agam_sutrakritang, agam_sthanang, agam_samvayang, agam_bhagwati, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, & agam_anutta
File Size89 MB
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