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________________ ६६० "सुत्तागमे [भगवई दुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ अणंतपएसिए खंधे भवइ एवं जाव अहवा दो अणंतपएसिया खंधा भवंति, तिहा कन्जमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ अगंतपएसिएँ खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दुपएसिए. एगयओ अणंतपएसिए खंधे भवइ जाव अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ असंखेजपएसिए० एगयओ अगंतपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दो अणंतपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ दुपएसिए० एगयओ दो अणंतपएसिया खंधा भवंति एवं जीव अहवा एगयओ दसपएसिए० एगयओ दो अणंतपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ संखेजपएसिए० एगयओ दो अगंतपएसिया खंधा भवंति अहवाएंगयओ असंखेजपएसिएं खंधे एगयओ दो अणंतपएसिया खंधा भवंति अहवा तिन्नि अणंतपएसिया खंधा भवंति, चउहा कजमाणे एगयओ तिन्नि परमागुपोग्गला एगयओ अणंतपएसिए खंधे. भवइ एवं चउक्कसंजोगो जाव असंखेजगसंजोगो, एए सव्वे जहेव असंखेज्जाणं भणिया तहेव अणंताणवि भाणियव्वा नवरं एक अणंतगं अब्भहियं भाणियव्वं जाव अहवा एगयओ संखेजा संखेजपएसिया खंधा एगयओ अणंतपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ संखेजा असंखेजपएसिया खंधा एगयओ अणंतपंएसिए खंधे भवइ अहवा संखेज्जा अणंतपएसिया खंधा भवंति, असंखेजहा कज़माणे एगयओ असंखेजा परमाणुपोग्गला एगयओ अणंतपएसिए खंधे भवई अहवा एगयओ असंखेज्जा दुपएसिया खंधा एगयओ अणंतपएसिए खंधे भवइ जाव अहवा एगयओ असंखेजा संखेजपएसिया खंधा एगयओ अणंतपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ असंखेजा असंखेजपएसिया खंधा एगयओ अणंतपएसिए खंधे भवई अहवा असंखेज्जा अणंतपएसिया खंधा भवंति, अणंतहा कज्जमाणे अणता परमाणुपोग्गला भवंति ॥ ४४४ ॥ एएसि णं भंते ! परमाणुपोग्गलाणं साहणणाभेदाणुवाएणं अणंताणं .पोग्गलपरियट्टाणं अणताणता पोग्गलपरियट्टा समगुगंतव्वा भवंतीति मक्खाया ? हंता गोयमा ! एएसि.णं परमाणुपोग्गलाणं साहणणाभेदाणु जाव मक्खाया ॥ कइविहे णं भंते ! पोग्गलपरियहे पण्णत्ते ? गोंयमा ! सत्तविहे पोग्गलपरियहे पण्णत्ते, तंजहा-ओरालियपोग्गलपरियट्टे वेउव्विय० तेयापोगलपरियटे कम्मापोग्गलपरिय? मणपोग्गलपरियहे वइपोग्गलपरियट्टे आणापाणुपोग्गलपरिय? । नेरइयाणं भंते ! कइविहे पोग्गलपरिय? पण्णत्ते? गोयमा! सत्तविहे पोग्गलपरियट्टे पण्णत्ते, तंजहा-ओरालियपोग्गलपरियट्टे वेउब्बियपोग्गलपरियडे जाव आणापाणुपोग्गलपरियट्टे, एवं जाव वेमाणियाणं । एगमेगस्स णं भंते ! नेरइयस्त केवइया ओरालियपोग्गलपरियट्टा अतीया ? गोयमा ! अणता, केवइया पुरक्खडा
SR No.010590
Book TitleSuttagame 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorFulchand Maharaj
PublisherSutragam Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages1314
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, agam_acharang, agam_sutrakritang, agam_sthanang, agam_samvayang, agam_bhagwati, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, & agam_anutta
File Size89 MB
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