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________________ वि० ५० स० ९ उ० ३२] सुत्तागमे अहेसत्तमाए होज्जा १९ अहवा एगे रयण० एगे- धूम० एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा २० अहवा एगे सक्कर० एगे वालय० एगे पंक० एगे धूमप्पभाए होजा २१ एवं जहा रयणप्पभाए उवरिमाओ पुंढवीओ संचारियाओ तहा सक्करप्पभाएवि उवरिमाओ चा(उच्चा)रियव्वाओ जाव अहवा एगे सकर० एगे धूम० एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा ३० अहवा एगे चालुय० एगे पंक० एगे धूम० एगे तमाए होज्जा ३१ अहवा एगे वालय० एगे पंक० एगे धूमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा-३२ अहवा एगे वालुय० एगे पंक० एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा ३३ अहवा एगे चालुय० एगे धूम० एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा ३४ अहवा एगे पंक० एगे धूम० एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा ३५ ॥ पंच भंते ! नेरइया नेरइयप्पवेसणएणं पविसमाणा किं रयणप्पभाए होजा० ? पुच्छा, गंगेया! रयणप्पभाए चा होजा जाव अहेसत्तमाए वा होज्जा अहवा एगे रयण० चत्तारि सक्करप्पभाए होज्जा जाव अहवा एगे रयण चत्तारि अहेसत्तमाए होजा अहवा दो रयण तिन्नि सकरप्पभाए होजा एवं जाव अहवा दो रयणप्पभाए तिन्नि अहेसत्तमाए होज्जा अहवा तिन्नि रयण० दो सकरप्पभाए होजा एवं जाव अहवा तिणि रयणप्पभाए दोण्णि अहेसत्तमाए होजा अहवा चत्तारि रयण० एगे सकरप्पभाए होज्जा एवं जाव अहवा चत्तारि रयण० एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे सक्कर० चत्तारि वालुयप्पभाए होजा एवं जहा रयणप्पभाए समं उवरिमपुढवीओ संचारियाओ तहा सक्करप्पभाएवि समं चा(उच्चा)रेयव्वाओ जाव अहवा चत्तारि सक्करप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा एवं एक्लेकाए समं चा(उच्चा)रेयव्वाओ जाव अहवा चत्तारि तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० तिन्नि वालुयप्पभाए होज्जा एवं जाव अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० तिन्नि अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण० दो सक्कर० दी वालुयप्पभाए होजा एवं जाव अहवा एगे रयण० दो सक्कर० दो अहेसत्तमाए हाज्जा अहवा दो रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए दो वालयप्पभाए होज्जा एवं जाव अहवा दो रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए दो अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे रयण० तान्न सक्कर० एगे चालुयप्पभाए होज्जा एवं जाव अहवा एको रयण तिन्नि सक्कर एग अहेसत्तमाए होज्जा अहवा दो रयण० दो सक्कर० एगे वालुयप्पभाए होज्जा एवं जाव दो रयण ० दो सक्कर० एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा तिन्नि रयण० एगे सक्कर० एग वालयप्पभाए होज्जा एवं जाव अहवा तिन्नि रयण० एगे सक्कर एगे अहेसतमाए होज्जा अहवा एगे रयण० एगे वालुय० तिन्नि पंकप्पभाए होजा, एवं एएणं क्रमण जहा चटण्हं तियासंजोगो भणिओ तहा पंचण्हवि तियासंजोगो भाणियव्वो
SR No.010590
Book TitleSuttagame 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorFulchand Maharaj
PublisherSutragam Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages1314
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, agam_acharang, agam_sutrakritang, agam_sthanang, agam_samvayang, agam_bhagwati, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, & agam_anutta
File Size89 MB
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