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________________ ५८४ सुत्तागमे [भगवई अहवा तिन्नि' रयगप्पभाए एगे सक्करप्पभाए होजा, एवं जाव अहवा तिन्नि रयणपभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा १८, अहवा एगे सकरप्पभाए तिन्नि वालुयप्पभाए होजा, एवं जहेव रयणप्पभाए उवरिमाहिं समं संचारियं तहा सकरप्पभाएवि उच. रिमाहिं समं संचारेयव्वं ५, एवं एकेकाए समं संचारियव्वं जाव अहवा तिन्नि तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा १२-६-३-(६३) अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए दो वालुयप्पभाए होजा अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सकर० दो पंक० होजा एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सकर० दो अहेसत्तमाए होना ५ अहवा एगे रयण० दो सक्कर० एगे वालुयप्पभाए होजा एवं जाव अहवा एगे रयण० दो सकर. एगे अहेसत्तमाए होज्जा १० अहवा दो रयण० एगे सक्कर० एगे चालुयप्पभाए होजा, एवं जाव अहवा दो रयण० एगे सकर० एगे अहेसत्तमाए होना १५ अहवा एगे रयण० एगे वालुय० दो पंकप्पभाए होजा एवं जाव अहवा एगे स्यणप्पभाए एगे वालुय० दो अहेसत्तमाए होजा ४ एवं एएणं गमएणं जहा तिण्हं तियसंजोगे तहा भाणियन्वो जाव अहवा दो धूमप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा १०५ अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए एगे वालयप्पभाए एगे पंकप्पभाए होजा. १ अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्कर० एगे वालय० एगे धूमप्पभाए होज्जा २ अहवा एगे रयण० एगे सकर० एगे वालुय० एगे तमाए होना ३ अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा ४ अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० एगे पंक० एगे धूमप्पभाए होजा ५ अहवा एगे रयण० एगे सकर० एगे पंकप्पभाए एगे तमाए होजा ६ अहवा एगे यण० एगे सकर० एगे पंक० एगे अहेसत्तमाए होजा ७ अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्कर० एगे धूम० एगे तमाए होज्जा ८ अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० एगे धूम० एगे अहेसत्तमाए होज्जा ९ अहवा एगे रयण० एगे सकरप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा १० अहवा एगे रयण ० . एगे वालुय० एगे पंक० एगे धूमप्पभाए होज्जा ११ अहवा एगे रयण० एगे वालुय० एगे पंक० एगे तमाए होजा १२ अहवा एगे रयण. एगे वालुय० एगे पंक० एगे अहेसत्तमाए , होजा १३ अहवा एगे रयण० एगे वालुय० एगे धूम० एगे तमाए होजा १४ अहवा एगे रयणप्पभाए एगे वालुय० एगे धूम० एगे अहेसत्तमाए होना १५ अहवा एगे रयण० एगे वालय० एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा १६ अहवा एगे रयण० एगे पंक० एगे धूम० एगे तमाए होजा. १७ अहवा एगे रयण एगे,पंक० एगे घूम० एगे अहेसत्तमाए होज्जा १८ अहवा एगे रयण० एगे पंक० एगे तमाए एगे
SR No.010590
Book TitleSuttagame 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorFulchand Maharaj
PublisherSutragam Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages1314
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, agam_acharang, agam_sutrakritang, agam_sthanang, agam_samvayang, agam_bhagwati, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, & agam_anutta
File Size89 MB
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