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________________ ફ૨૦ सुत्तागमे [भगवई संवुडस्स णं भंते ! अणगारस्स आउत्तं गच्छमाणस्स जाव आउत्तं तुयट्टमाणस्स आउत्तं वत्थं पडिग्गहं कंवलं पायपुंछणं गेण्हमाणस्स वा निक्खिवमाणस्स वा तस्स णं भंते ! किं इरियावहिया किरिया कन्नइ संपराइया किरिया कज्जइ ?, गोयमा ! संवुडस्स णं अणगारस्स जाव तस्स णं इरियावहिया किरिया कजइ णो संपराइया किरिया कजइ । से केपट्टेणं भंते ! एवं वुच्चइ-संवुडस्स णं जाव संपराइया किरिया कजइ ?, गोयमा! जस्स णं कोहमाणमायालोमा वोच्छिन्ना भवंति तस्स णं इरियावहिया किरिया कजइ, तहेव जाव उस्सुत्तं रीयमाणस्स संपराइया किरिया कज्जइ, से णं अहासुत्तमेव रीयइ, से तेणटेणं गोयमा ! जाव नो संपराइया किरिया कज्जइ ॥ २८८ ॥ रूवी भंते ! कामा अरूवी कामा ? गोयमा ! रूवी कामा समणाउसो! नो अरूवी कामा । सचित्ता भंते ! कामा अचित्ता कामा ?, गोयमा ! सचित्तावि कामा अचित्तावि कामा । जीवा भंते ! कामा अजीवा कामा ?, गोयमा ! जीवावि कामा अजीवावि कामा । जीवाणं भंते ! कामा अजीवाणं कामा ?, गोयमा! जीवाणं कामा नो अजीवाणं कामा, कइविहा णं भंते ! कामा पन्नत्ता ?, गोयमा ! दुविहा कामा पन्नत्ता, तंजहा-सद्दा य रूवा य, रूवी भंते ! भोगा अरूवी भोगा?, गोयमा! रूवी भोगा नो अरूवी भोगा, सचित्ता भंते ! भोगा अचित्ता भोगा?, गोयमा । सचित्तावि भोगा अचित्तावि भोगा, जीवा भंते ! भोगा अजीवा भोगा?, गोयमा ! जीवावि भोगा अजीवावि भोगा, जीवाणं भंते ! भोगा अजीवाणं भोगा, गोयमा ! जीवाणं भोगा नो अजीवाणं भोगा, कइविहा णं भंते ! भोगा पन्नत्ता ?, गोयमा! तिविहा भोगा पन्नत्ता तंजहा-गंधा रसा फासा। कइविहा णं भंते ! कामभोगा पन्नत्ता ?, गोयमा ! पंचविहा कामभोगा पन्नत्ता, तंजहा-सदा रूवा गंधा रसा फासा। जीवा णं भंते ! किं कामी भोगी १, गोयमा ! जीवा कामीवि भोगीवि। से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ जीवा कामीवि भोगीवि ?, गोयमा! सोइंदियचक्खिदियाइं पडुच्च कामी घाणिदियजिभिदियफासिंदियाई पडुच्च भोगी, से तेणटेणं गोयमा ! जाव भोगीवि । नेरइया ण भंते ! किं कामी भोगी ?, एवं चेव एवं जाव थणियकुमारा। पुढविकाइयाणं पुच्छा, गोयमा ! पुढविकाइया नो कामी भोगी, से केणटेणं जाव भोगी ?, गोयमा ! फासिदियं पडुच्च से तेणट्ठणं जाव भोगी, एवं जाव वणस्सइकाइया, बेइंदिया एवं चेव नवरं जिभिदियफासिंदियाइं पडुच्च भोगी, तेइंदियावि एवं चेव नवरं घाणिदियजिभिदियफासिंदियाइं पडुच्च भोगी चउरिंदियाणं पुच्छा, गोयमा ! चउरिंदिया कामीवि भोगीवि, से केणटेणं जाव भोगीवि ?, गोयमा! चक्खिदियं पड्डुच्च कामी घाणिदियजिभिदियफासिंदियाई पडुच्च भोगी,
SR No.010590
Book TitleSuttagame 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorFulchand Maharaj
PublisherSutragam Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages1314
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, agam_acharang, agam_sutrakritang, agam_sthanang, agam_samvayang, agam_bhagwati, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, & agam_anutta
File Size89 MB
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