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________________ [ १५ ] आपसे पुनः निवेदन है कि आप अपने को हिन्दु कहाना छोड़ दो और अपने प्रत्येक व्यवहार में आर्य शब्द का ही प्रयोग करो। इसी में ही हमारा, हमारे देश तथा हमारी जाति का सच्चा हित है । अभी समय है कि हम अपने को हिन्दु कहने की इस भारी भूल से सचेत हो । यदि हम अब भी इस भारी भूल से सचेत न हुए तो फिर यह राज रोग केवल कठिन ही नहीं अपितु असाध्य हो जायगा। इसलिये आज के दिवस से ही यह प्रण करलो कि हम आज से अपने को किसी भी अवस्था में "हिन्दू" नहीं कहेंगे। भगवान हमें बल दें कि हम हिन्दूपन तथा हिन्दू नाम को सर्वथा तिलाञ्जलि देकर सच्च "आर्य' बनें तथा जीवन जागृति और उत्साह के द्योतक आर्य नाम से ही अपने को अलंकृत करें। SAGAR
SR No.010582
Book TitleHum Aarya Hain
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadrasen Acharya
PublisherJalimsinh Kothari
Publication Year
Total Pages24
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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