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________________ मा - - - - - -IPI आचार्य १०८ श्री शान्तिसागर महाराज (छाणी) द्वारा दीक्षित साधुवृन्द प्रशान्तमूर्ति आचार्य १०८ श्री शान्तिसागर महाराज (छाणी) २४८ की पूजा २५७ २६१ २६६ २६७ - २६८ P २६९ २७२ L 459559645454545454545454545454545454 २७३ २७५ २७६ पूजन (द्वितीय) वे ही वीर कहलाते हैं : पं. महेन्द्रकुमार 'महेश' भजन आरती छाणी के आचार्य मुनीश्वर श्री शान्तिसागर वन्दन : शशिप्रभा जैन 'शशांक' वन्दना गीत : पं. महेन्द्रकुमार 'महेश' आचार्य श्री शान्तिसागर स्तवन : पं. महेन्द्रकुमार 'महेश' शान्तिसागर जो उज्ज्वल दीपक : त्रिभुवन के मझधार मे : पं. फूलचन्द मधुर श्री शान्तिसागर मुनि महाराज : पं. महेन्द्रकुमार भजन : क्षु. धर्मसागर महाराज शान्तिधर्म शिक्षा : आ. शान्तिसागर (छाणी) संत संस्मरण ' आचार्य सूर्यसागर जी महाराज TE एक संस्मरण : पं. भगवतीप्रसाद वरैया आचार्य श्री सूर्यसागर जी व्यक्तित्व एवं कृतित्व : पं. भंवरलाल न्यायतीर्थ आचार्य १०८ श्री सूर्यसागर जी महाराज के चातुर्मासएक सिंहावलोकन : मुनिश्री भरतसागर जी एक जीवन यात्रा : डॉ. प्रकाशचन्द्र जैन २७७ २७८ २७९ २८२ M २९५ २९६ Laxxx प्रशममूर्ति आचार्य शान्तिसागर छाणी स्मृति-ग्रन्थ 15454545454545454545454545454545
SR No.010579
Book TitlePrashammurti Acharya Shantisagar Chani Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain
PublisherMahavir Tier Agencies PVT LTD Khatuali
Publication Year1997
Total Pages595
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationSmruti_Granth
File Size22 MB
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