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________________ 1545454545454554564574545454545456 मेवाड़ बागड़ देश में कीनों आप उद्धार। खड़क गुजरात के माह ने, विद्या को कियौ प्रचार।। दो कवियों ने हिन्दी में आचार्यश्री की पूजायें लिखीं, जिनमें उनके विशाल व्यक्तित्व के दर्शन होते हैं। जयमाला में उनके जीवन की झलक दिखाई - देती है। एक पूजा 1941 में आचार्यश्री के चातुर्मास के समय लिखी गई। TE दूसरी पूजा को निबद्ध करने का सौभाग्य प्राप्त किया श्री भगवानदासजी ने जिन्हें उन्होंने ब्रह्मचर्य व्रत प्रदान किया था। कवि ने आचार्यश्री द्वारा ब्रह्मचारी अवस्था में एवं क्षुल्लक अवस्था में जो अलग-अलग पाँच-पाँच स्वप्न देखे थे, उनका भी इस पूजा में वर्णन किया गया। इस प्रकार दोनों पूजाओं की जयमाला ही ऐतिहासिक घटनाओं से युक्त हैं, जिनसे आचार्यश्री के जीवन का भी कुछ परिचय प्राप्त किया जा सकता है। पं. महेन्द्रकुमार जी 'महेश' शास्त्री मेरठ का भी आचार्यश्री से काफी सम्पर्क रहा। एक बार आचार्यश्री ने उनके पिताजी से कहा था 'आपका पुत्र बहुत होशियार है। आचार्यश्री की बात सोलह आना सच निकली। आज पं. महेन्द्रकुमारजी 'महेश' अच्छे विद्वान -1 बनकर समाज की सेवा में संलग्न हैं। उन्होंने आचार्य शान्तिसागर महाराज E (छाणी) स्मारिका में उनके जीवन पर बहुत ही सुंदर ढंग से प्रकाश डाला आचार्य श्री का कृतित्व ___ आचार्यश्री का जितना विशाल एवं अगाध व्यक्तित्व था उनका कृतित्व उससे भी अधिक विशाल है। उन्होंने आचार्य दीक्षा, मुनिदीक्षा ऐलक, क्षुल्लक एवं ब्रह्मचारी दीक्षा देकर उनके जीवों का महान उपकार किया। उनके द्वारा दीक्षित शिष्य एवं प्रशिष्यों की एक बहुत बड़ी सूची है। + आचार्य शान्तिसागर जी छाणी के शिष्य-प्रशिष्य । 5 आवार्य शान्तिसागरजी महाराज छाणी के मुनि ज्ञानसागरजी, मल्लिसागरजी, सूर्यसागरजी, आदिसागरजी, नेमिसागरजी एवं वीरसागरजी एवं क्षुल्लक धर्मसागरजी आदि दीक्षित शिष्य थे। छाणी महाराज की एक पूजा में शिष्यों के अर्घ में निम्न नामों को गिनाया है : प्रथम शिष्यश्री सूर्य हैं, दूजा ज्ञान भंडार। तीजा मुनिश्री मल्लि हैं, वीर महावीर गुनधीर ।। प्रशममूर्ति आचार्य शान्तिसागर छाणी स्मृति-ग्रन्थ 178 $4756454545454545454545454545
SR No.010579
Book TitlePrashammurti Acharya Shantisagar Chani Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain
PublisherMahavir Tier Agencies PVT LTD Khatuali
Publication Year1997
Total Pages595
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationSmruti_Granth
File Size22 MB
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