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________________ विषय सूची। .... ८५ --roscarप्रथम अध्याय। निश्चय-व्यवहारनय .... ७० मैं कौन है ? १ निर्देशादि छः अनुयोग .... ७३ जीवकी सिद्धिमें युरुपियन सत् संख्यादि ८ ,, विद्वानोंकी सम्मति .... ५ प्रमाण नय ... .... ७८ कार्माण शरीर पुण्य पाप भेद १९ नैगमादि ७ नय ..... दूसरा अध्याय। नामादि ४ निक्षेप .... ८३ मेरा कर्तव्य .... .... २५ स्याद्वाद अरहंत स्तुति, णमोकार मंत्र ३८ स्थाद्वादपर अजैन विद्वानोंके मुनिका १३ प्रकार चारित्र ४१ मत.... ९० त्यागी हो परोपकारकी रीति ४३ पांचवा अध्याय । पाक्षिक विरक्त श्रावक .... ४५ जीव तत्व .... .... ९४ गृहस्थका परोपकार .... , जीवोंके भेद व प्राण .... , तीसरा अध्याय। मनका स्वरूप .... .... ९६ जनोंके तत्व .... .... ४९ पर्याप्त अपर्याप्त .... ... ९८ लक्षणका स्वरूप... .... ५१ एक मुहूर्तके श्वास .... ९९ द्रव्यका लक्षण .... .... ५७ चौदह जीव समास ... ९९ शुभ व अशुभ, भाव .... ६० चौढह गुणस्थान .... ....१०० चार भावनाएं .... .... ६२ कषायोंके १६ दृष्टांत ....१०३ चार प्रकार बंध..... .... ६४ सम्यक्तीके चार लक्षण .....०५ जीवके तीन प्रकार भाव .... ६८ चौदह मार्गणायें... ....१०९ मष्टकर्मामें पाप पुण्य .... ६९ सात समुद्घात ....११६ चौथा अध्याय । जीवोंके पांच भाव ....११८ तत्वज्ञातका साधन ... ७. दैव व पुरुषार्थ, .... .......१९
SR No.010574
Book TitleVidyarthi Jain Dharm Shiksha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitalprasad
PublisherShitalprasad
Publication Year
Total Pages317
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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