SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 145
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अजीव तत्व। [१२५. एक कोई रस, एक कोई गंध व एक कोई वर्ण इस तरह सातः, गुण होंगे। पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु सब परमाणुओंके बने स्कंध है। ये आपसमें बदल भी जाते हैं जैसे--सीपके भीतर जल मोनी पृथ्वी रूप बन जाता है, दो प्रकारको वायु मिलकर जल होजाता है । शिष्य-पुद्गलके पिंड या स्कंध कितने प्रकारके होते है ? शिक्षक-इनके भेद अनेक तरहसे है। अति प्रसिद्ध छ: मंद है उन्हें अब ध्यानमें ले लीजिये उनमे सब तरहके, स्कंध या पिड गर्भित है-वे छ भद हैं १-स्थूल स्थूल (solid things) कठोर वस्तुएँ जिनके दो इकड़े किये जानेपर वे आप अपनेसे न मिलें जैसे--कागज, लकडी, पत्थर, आदि। (२) स्थूल ( lipuid things) बहनेवाली चीज जैसेपानी, दुध, गरवत आदि । ये अपनेसे मिलजाती हैं। (३) स्थूल सूक्ष्म (solhd fine things) जो देखनेसे मोटी मालम हो परन्तु हाथोंसे पकड़ी न जासकें जैसे--प्रकाश, धूप, छाया। (१) सूक्ष्म स्थूल ( fine solid things) जो देखनेमे न आ ऐसी सूक्ष्म हों परन्तु भारी काम कर सकें जैसे हवा, शब्द, आदि। (५) सूक्ष्म ( fine matter) जो पुद्गल पिड़ इतने सूक्ष्म हो कि वे किसी भी इन्द्रियसे न ग्रहण होसके जैसे कार्मणवर्गणाएं। (६) म्यूक्ष्म सूक्षा (very fine matter) दो परमाणुओका स्कंध या एक परमाणु । सूक्ष्म स्कंधोंके बहुतसे भेद हे । उनमें पाच सूक्ष्म स्कंध संसारी जीवोंके लिये बहुत उपयोगी है।
SR No.010574
Book TitleVidyarthi Jain Dharm Shiksha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitalprasad
PublisherShitalprasad
Publication Year
Total Pages317
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy