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________________ 40 उपात्तप्रमाणानि एतस्माज्जायते प्राणः (आ) मु. 2-1-3, कै. 15 एतौ द्वौ विबुधश्रेष्ठ (स) म. भा. शा. 350-19.... एवं तु मन्यमाना वै (आ) स्कान्दम् एम आत्माऽन्तर्हृदये ( स ) छा. 3-14-3 एष सर्वभूतान्तरात्मा (स) सु. 7, मु. 2-1-4 एष सेतुर्विधरण एषां (आ) बृ 4-4-22, मै. 7-7... (स) 33 एष वानन्दयाति (आ) तै 2-7-1 क कथमसतस्सज्जायेत (आ) छा. 6-2-1 कपिलो यदि सर्वशः (स) करणाधिपाधिपः (आ) श्वे. 6-9 कर्मणि च (आ) पा. सू. 2-2-14 कर्मात्मा त्वपरो योऽसौ ( स ) मो. ध. कारणं तु ध्येयः (स) कार्यायोजनधृत्यादेः (स) ... ख **** .... "" 282 281 किङ्करा मम ते नित्यं (स) भगवदुक्तिः किमात्मको भगवान् (स) किमात्मकैवैषा भगवतो व्यक्तिः (स) कुतस्तु खलु सौम्यैवं स्यात् (स) छा. 6-2-2 क्रान्त्वा निगीर्य पुनरुद्भिरति (स) स्तो र. 14 श्लो. क्रियावद्गुणवत्समवायिकारणम् (स) वै. सू. 1-1-15 186 59 84 क्षरं त्वविद्या ह्यमृतं तु विद्या (स) श्वे. 5-1 178 क्षरं प्रधानं (स) श्वे. 1-10 178 क्षयं तमस्य रजसः पराके (स) तै. सं. 2 का. 2 प्र. 273 क्षोभयामास संप्राप्ते (स) 1 खादिरो यूपो भवति (आ) .. पु. पङ्क्ति सं. 72 20 10 5 59 16 47 9 35 12 47 21 48 327 .... 187 21 172 240 173 36 73 111 6 174 4 21 4 15 17 10 11 9 11 12 9 2 14 16 6 5 7 8 11 5 21
SR No.010565
Book TitleTattvarthamuktakalap and Sarvarthasiddhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVedantacharya
PublisherSrinivasgopalacharya
Publication Year1956
Total Pages426
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size42 MB
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