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________________ २७४ 1 जन सुबोध पाठमाला-भाग १ २. श्री चौबीसी-स्तवन [ तर्ज देख तेरे संसार की हालत .. ..] जय जिनवर ! जय तीर्थंकर ! जय चौवीसी भगवान् । साधु-श्रावक करें प्रणाम २ । आप तिरे, औरों को तारे, भरत क्षेत्र भगवान् । साधु-श्रावक कर प्रणाम २ ॥टेर ।। १ ऋषभदेव का कीर्तन करते, २. अजितनाथ को वन्दन करते। ३. सभवनाथ का नाम सुमरते, ४ अभिनन्दन को चित्त मे घरते ।। ५ जय सुमति, ६. जय पद्मप्रभ, जय चौवीसी भगवान् ||१||साधु ७ सुपार्श्वनाथ का कीर्तन करते, ८, चन्द्रप्रभ को वन्दन करते। है सुविधिनाथ का नाम सुमरते, १०, शोतलप्रभु को चित्त में धरते ।। ११. जय श्रेयांस, जय वासुपूज्य, १२. जय चौबीसी भगवान् ।।शासाधु १३.विमलनाथ का कीर्तन करते, १४. अनन्तनाथ को वंदन करते। १५ धर्मनाथ का नाम सुमरते, १६. गातिनाथ को चित्त मे धरते ।। १७ जय कुन्थु, १८. जय अरनाथ, जय चौबीसी भगवान् ।।३॥साधु १६ मल्लिनाथ का कीर्तन करते, २०. मुनिसुव्रत को वन्दन करते। २१ नमिनाथ का नाम सुमरते, २२ अरिष्टनेमि चित्त मे धरते ।। २३ जय पारस, २४ जय महावीर, जय चौवीसी भगवान् ।।४।।साधु अनन्त सिद्ध का कीर्तन करते, विहरमान को वन्दन करते। गणधर प्रभु का नाम सुमरते, गुरुदेव को चित्त मे धरते ।। केवल गिण्य विनय करता, जय चौबीसी भगवान् ॥५॥साधु
SR No.010546
Book TitleSubodh Jain Pathmala Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParasmuni
PublisherSthanakvasi Jain Shikshan Shivir Samiti Jodhpur
Publication Year1964
Total Pages311
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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