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________________ 6 == (शिक व्यापार मंडल्लोयान) - ३ ॐ ही दर्शनगुणमहितानाहनपगक्रमाय मकलकर्ममुक्तसिद्धाधिपतये नम जलं नि. म्बाहा । ४४ ही वीर्यगुणसहितानाहनपराक्रमाय सकन्नकर्ममुक्तसिद्वाधिपतये नम. जल नि. म्वाहा । ५ॐ ही सूक्ष्मगासहितानाहनपगक्रमाय मकलकर्ममुक्तमिदाधिपतये नमः जल नि. म्बाहा। ६ॐ हीं अवगाहनगुणसहितानाहतपगक्रमाय सकलकर्ममुक्तमिद्धाधिपतये नम जल नि. म्वाहा । ७ॐ ह्री अगुरुलघुगुणसहितानाहनपराक्रमाय सकलकर्ममुक्तमिद्धाधिपतये नम जल नि. म्वाहा । ८. ही अत्र्याबाधगुणमहितानाहनपराक्रमाय मकलकर्ममुक्तमिद्वाधिपतये नम जल नि म्वाहा । (आग चन्दनादिक भी इन्ही पाठ मत्रो को बोलकर आठ २ बार चढाना चाहिय । केवल "जल' की जगह “चन्दन, अक्षतान् . पुप्पाणि " आदि शन बदल देना चाहिये ।) 30/---- आनन्दकन्दजनकं घनकममुक्तम् । सम्यक्वशर्मगरिमं जननातिवीतम् ।। मौरभ्यवासितभुवं हरिचन्दनायै ।गन्धेयजे पग्मिलवरसिद्धचक्रम् ॥ २ ॥ चन्दनम् । om20 RoymAR A NALYTREAM ASTE Kumar
SR No.010543
Book TitleSiddhachakra Mandal Vidhan
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages191
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Ritual, & Vidhi
File Size15 MB
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