SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 10
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ प्रस्तुत हिन्दी अनुवाद मूल गुजराती व्याख्यानो का यह हिन्दी अनुवाद अहमदावाद को श्री ह. का० आर्ट स कॉलेज के संस्कृत, प्राकृत और हिन्दी के प्राध्यापक श्री गांतिलाल म० जैन ने किया है। कई मियो का यह आग्रह था कि हिन्दी में ये व्याख्यान प्रकाशित हों यह आवश्यक है; अतएव मेने वम्बई यूनिवर्सिटी से हिन्दी में प्रकागन की अनुमति मागी, जो उसके अधिकारियो ने सहर्प दी। एतदर्थ मै उनका आभारी है। पहले यह विचार था कि यह अनुवाद ज्ञानोदय ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित किया जाय, किन्तु मेरे सहृदय मित्र और राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान के अध्यक्ष प्राचार्य श्री जिनविजयजी ने राजस्थान पुरातन ग्रंथमाला में प्रकाशित करने की इच्छा प्रदर्शित की । मैने साभार यह मजूर किया और यह सुन्दर हिन्दी प्रकाशन अव वाचको के समक्ष उपस्थित है। हिन्दीभाषी जिज्ञासुओ की तृप्ति यदि इस अनुवाद से होगी तो में अपना तथा अनुवादक और प्रकाशक का श्रम सफल समझूगा। सुखलाल संघवी अहमदावाद २५-४-६३
SR No.010537
Book TitleSamdarshi Acharya Haribhadra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay, Sukhlal Sanghavi, Shantilal M Jain
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1963
Total Pages141
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy