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________________ (५६) जैनतत्वादर्श. तेना प्रजावधी यज्ञना सर्व विघ्नो दूर थर जाय बे. जो यज्ञस्थल नीचे अर्हतनी प्रतिमा न राखवामां आवे तो महातपा सिझपुत्र तथा नारद, था बंने यज्ञने विध्वंस करी नाखे . पडी उपाध्यायजीए स्थंन उखेडी अर्हतनी प्रतिमा बतावी, अने कह्यु के या प्रतिमा जे देवनी , ते देव, श्री अर्हतनो कथन करेलो धर्म, जीवदया रूप तत्व के अने श्रा जे वेदप्रतिपाद्य यज्ञ , ते सर्व हिंसात्मक रूप होवाथी विडंबना रूप बे, परंतु शुं करीए ? जो अमे एम न करीए तो अमारी श्राजीविका चालती नथी. हवे तुं तत्त्व समजी ले, अने मने बोडी दे; तथा परमाईत थ जा. कारण के में तने मारा पेटने वास्ते बहु दिवस रखडाव्यो बे. गुरुनु शुभ अंतःकरण थयेवू जाणी शिव्यंजवे तेने नमस्कार कर्यो, अने कह्यु के यथार्थ तत्त्वनो प्रकाश करवाथी तमे हवे साचा उपाध्याय बो. एम कही तुष्टमान थश् यज्ञनी सर्व सामग्री सुवर्णपात्रादि शिय्यंजवे उपाध्यायने आपी दीधी, अने प्रनवस्वामि पासे जश् तत्त्व स्वरूप पुबी दीक्षा लीधी. तेमनो शेष वृत्तांत परिशिष्टपर्व ग्रंथथी जाणी लेवो. शियंजव स्वामि अगवीश वर्ष गृहस्थावास, अगीथार वर्ष सामान्य साधु, अने तेत्रीश वर्प युगप्रधानाचार्य पदवी जोगवी, सर्व श्रायु वासठ वर्षतुं जोगवी श्रीमहावीर जगवंत पनी श्रगणुं वर्षे स्वर्गे गया. ५ श्रीशिय्यंजवस्वामिनी पाट उपर यशोनअस्वामि बेग. ते बावीस वर्ष गृहस्थवास, चौद वर्ष व्रतपर्याय, पचास वर्ष युगप्रधान पदवी. सर्व श्रायु बासी वर्षतुं नोगवी श्रीमहावीर पनी (१४७) वर्षे खर्गे गया. ६ श्री यशोनलस्वामिनी पाट उपर एक संनूतविजय श्रने बीजा नावाहुस्वामि, आ बंने बेग. संनूतविजयजी बेंतालीस वर्ष गृहवास, चालीस वर्ष व्रतपर्याय अने आठ वर्ष युगप्रधान पदवी, सर्व श्रायु नेवु वपर्नु जोगवी स्वर्गमां गया. श्रीनबाहुस्वामिए १ श्रावश्यक नियुक्ति, ५ दशवकालिक नियुक्ति, ३ उत्तराध्ययन नियुक्ति, ४ श्राचारांग नियुक्ति, ५ सूत्रकृतांग नियुक्ति, ६ सूर्यप्रज्ञप्ति नियुक्ति, रीषिजाषित नियुक्ति कल्पनियुक्ति, ए व्यवहार नियुक्ति, १० दशानियुक्ति, था दश नियुक्तियो; तथा १ कल्प, २ व्यवहार, ३ दशाश्रुतस्कंध, श्रा त्रण नवमा पूर्वमाथी उझार करी बनाव्या. वली जबाहुसंहिता नामर्नु अति विस्तारवाडं
SR No.010519
Book TitleJain Tattvadarsha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayanandsuri, Mulchand Nathubhai Vakil
PublisherAtmaram Jain Gyanshala
Publication Year1899
Total Pages369
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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