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________________ (४४) जैनतत्त्वादर्श. श्य करवी जोश्ये. पर्वना दिवसो वा बे-अष्टमी, चतुर्दशी, पूर्णमासी, श्रमावास्या, आ एक मासमां ब पर्व, अने पखवाडीथामांत्रण पर्व, तथा बीज, पांचम, अष्टमी, एकादशी, चतुर्दशी आ पांच तिथि, तीर्थंकरोये वर्णवेली . बीजने दिवसे बे प्रकारनाधर्म-आराधन करे, पंचमीने दिवसे ज्ञान- आराधन करे, अष्टमीने दिवसे श्राप कर्मनो नाशं करवा तपश्चर्या प्रमुख करे, एकादशीने दिवसे श्रगीबार अंगनुं श्राराधन करे, चतुर्दशीने दिवसे चौद पूर्वनुं श्राराधन करे, था पांच तथा पूर्वोक्त पूर्णमासी अने अमावास्या, एम ब पर्व थयां. वर्षमां ब अहाश पर्व . चातुासिक पर्वोमां सर्वथा आरंजनो त्याग जो न करी शके, तो स्वस्पतर श्रारंन करे. पर्वने दिवसे सर्व सचित्त आहार वर्जे, श्रावके निरंतर सचित्त आहार वर्जवो जोश्य, जो तेम न करी शके तो पर्वने दिवसे तो अवश्य वर्जवो जोश्य. पर्वना दिवसोमां स्नान, शिरमुंडन, केशगुंथन, वस्त्रधोवन, वस्त्र रंगवां, गाडा हलादि चलाववां, धान्यना बोड बांधवा, कोश अरहट्ट (रेंट) चलाववा, दल, नरडवू, पत्र, पुष्प, फल, तोड. वां, सचित्त खडी, लीली वनस्पति विगेरे मर्दन करवी, लींपवू, माटी खोदवी, घर बंधाववां इत्यादि सर्वश्रारंजनां काम यथाशक्ति त्यागवां जोश्य; तथा सर्व सचित्त श्राहारनो जो त्याग न करी शके, तो केटलीएक वस्तुउ नाम लश्खावानी बुट राखे, विशेषनो त्याग करे. उये अहाश्मां जिनराजनी पूजा करवी, तप करवं, ब्रह्मचर्य पालवू. ये अहाश्मां चैत्र तथा श्रासो महिनानी एम बे अहा शाश्वती . आ दिवसोमां वैमानिक देवताउँपण नंदीश्वरादिमां यात्रा उत्सव करे . बाकीनी त्रण बहाई त्रण चोमासानी तथा चोथी पर्युषण पर्वनी, सर्व मनी । अहार .. प्रनात समये प्रत्याख्याननी वेलायें जे तिथि होय, ते जैनमतमा मानवी प्रमाण . सूर्योदयनां अनुसारें लोकमां पण दिवसनो व्यवहार होवाथी तेम मानकुंप्रमाण . तथा च निशीथनाष्ये ॥ चउमासीथ वरीसे, पखिय पंचमीसु नायवा ॥ ताऊ तिहिउँ जासिं, उदेश् सूरो न अन्ना ॥१॥ पूश्रा पच्चखाणं, पडिकमणं तहय नियमगहणं च ॥ जीये उदेश्सूरो, तीये तिहिये उकायत्वं ॥२॥ उदयम्मि जातिहिसा, पमाणमिअरीकीरमाणीये ॥ श्राणा जंगण वत्था, मित्त विराहणं पावे ॥३॥ अर्थः
SR No.010519
Book TitleJain Tattvadarsha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayanandsuri, Mulchand Nathubhai Vakil
PublisherAtmaram Jain Gyanshala
Publication Year1899
Total Pages369
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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