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________________ नवम परिछेद. " ( ४६७ ) हाथ, पग तेमज वस्त्र धोयाविना खातुं नहि, नग्न थइ मेलां वस्त्र पेढेरी, थाल पकड्या विना खातुं नहि, मात्र एक धोतियुं पेढेरी खावा बेसवुं नहि, जीनुं वस्त्र पेहेरी खावा बेसवुं नहि, जीनुं वस्त्र माथे लपेटी खातुं नहि, ज्यारे अपवित्र होइयें त्यारे खावुं नहि, श्रतिगृद्ध, रसलंपट थइ खावुं नहि, उपानसहित, व्यग्रचित्तें, निःकेवल भूमिपर बेसी, पाटउपर बेसी खावुंनहि विदिशि तथा दक्षिण दिशि तरफ मुख राखी खावा बेसवुं नहि, पातला आसनपर बेसी खावुं नहि, आसन उपर पग राखी जोजन कर नहि, चंडालना देखतां धर्म थी पतित होय तेना देखतां, फूटेलां, तथा मलिन पात्रमां खावुं नहिः जे शाक प्रमुख वस्तु विष्टाथी उत्पन्न थयेल होय ते खावी नहि, बालहत्याप्रमुख जेणे करेल होय तथा रजखला होय तेवी स्त्रीए स्पर्श करेली वस्तु खावी नहि. जे वस्तु गाय, श्वान, पंखीये सुंधी होय, जे वस्तु श्रजाणी होय, जे वस्तु फरीथी उष्ण करी होय, ते वस्तु खावी नहि, बचबचाट शब्द करतां खावुं नहि. मुख फाटतां बुरुं लागे एम मुख करी खावुं नहि. जोजन श्रवसरें बीजाउने बोलावी प्रीति उत्पन्न याय तेम जोजन करवुं देवगुरुनुं नाम स्मरण करी, समासन उपर बेसी पोतानी माता, बेहेन, जाजु, जाणेज वा स्त्री प्रमुखें जे जोजन तैयार करेल होय ते पवित्रपणे पीरसातां मौनपणे दक्षिण तेम स्वर चालतां जमवुं. जे जे वस्तु खावी ते नासिकायें सुंघीने खावी, करतां दृष्टिदोष नाश पामे बे. अति खारुं श्रतिखाटुं, अति उष्ण, अतिशीतल, तिमीतुं तथा श्रतिशाक खावुं नहि. मुखमां स्वाद लागवा मात्र खावुं. अतिउष्ण खावाथी रसनाश पामे बे, अति खाटुं खावाथी - प्रियोनी शक्ति कम यर जाय बे, श्रतिखारुं खावाची नेत्र बगडी जायढे, प्रतिस्निग्ध खावाची घ्राणशक्ति मंद थर जाय बे, अति तीखुं तथा कडवुं खावार्थी कफ दूर थइ जाय बे, कषायतुं छाने मीतुं खावाथी पित्त नाश पामेढे, स्निग्ध घृतादि खावाथी वायु दूर थर जाय बे, बाकी शेष रोग ते न खावायी दूर थइ जाय बे. जे पुरुष शाक बहु खाय, घीथी रोटली खाय, डुधने चोखा खाय, बहु पाणी न पीये, अजीर्ण होय त्यारे खाय नहि, ते पुरुष रोगपर जीत मेलवे छे. जोजन करती वखत प्रथम मीतुं ने स्निग्ध जोजन करे, व
SR No.010519
Book TitleJain Tattvadarsha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayanandsuri, Mulchand Nathubhai Vakil
PublisherAtmaram Jain Gyanshala
Publication Year1899
Total Pages369
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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