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________________ जैनतत्त्वादर्श. ने लोकप्रिय कविरुद्ध त्याग कर ले. तेम करवाधाकविरुद्ध तर (४५४) गत करवी, लोको जेने मान्य करे तेनी अवज्ञा करवी, उत्तम श्राचार वाला कष्टमां पडे त्यारे राजा थ, पोतानी शक्ति बतां साधर्मिनां कटनिवारण न करवां, देशादि उचित आचरणतुं उलंघन करवू, थोडं धन बतां महाधनवाननो वेष धारण करवो, धनवान बतां मेला वस्त्र पहेरवां, इत्यादि लोकविरुद्ध बे. था सर्व श्ह लोकना अपयशनां कारण . यजुवाच वाचकमुख्यः॥ लोकः खल्वाधारः, सर्वेषां धर्मचारिणां यस्मात् ॥ तस्माद्धोकविरुकं, धर्मविरुदं च संत्याज्यं ॥१॥ अर्थः- श्री उमाखातिवाचक पूर्वधर श्राचार्य कहे के, सर्वे धर्म करनाराऊने लोक (जनसमुदाय.) आधार नूत , ते कारणथी लोकविरुष्क तथा धमविरुष बने निरंतर त्यागवा योग्य . तेम करवाथी धर्मनो सुखें निहि थाय . लोकविरुद्ध त्याग करवायी सर्वलोकोने ते ववल थाय बे, अने लोकप्रिय थq तेज सम्यक्त्व तरुनु बीज . हवे धर्मविरुफ लखीए बीए; मिथ्यात्वनी करणी करवी, गाय प्रमुख सर्व प्राणीउने निर्दयताथी ताडना करवी तेमज ते जीवोनी हिंसा करवी, तेउने दृढ बंधनथी बांधवां, मांकड, जू प्रमुख हुअजंतुने निराधार फेंकवां तथा मारवां, तडकामां नांखवां, अपकायना जीवोनी श्रत्यंत विराधना करवी, पाणी गलवा माटे मजबुत गलणां न राखवां, पाणी गल्या पड़ी संखारो फेंकी देवो, अनाज, इंधन, शाक, पत्र, तांबूल, फलादि शोध्याविना खावां. सोपारी, खारेक, उली, फली, प्रमुख संपूर्ण, नांग्या विना मुखमां नाखवां, जीवाकुल नूमिउपर स्नान करवू, मलमूत्र करवां, उपयोग विना गमनागमन करवू, जीवयुक्त धान्यादि दलवां, नरडवां, रांधवां, इत्यादि हिसायुक्त काम करवा; धर्मनां कार्यों श्रनादरथी करवां, देव, गुरु अने सामिनी निंदा करवी तथा द्वेष करवो. जिनमंदिरखें अव्य खावं, देवगुरु, धर्मना निंदकनी संगत करवी, धर्मिजीवोनी मश्करी करवी, अत्यंत कषाययुक्त काम करवां, पंदर क र्मादाननां श्राचरण तथा व्यापार तीव्र मलिन अध्यवसायपूर्वक क, रवा, पापयुक्त नोकरी करवी, इत्यादि अनेक धर्मविरुद्ध कार्यों ने. श्रा पांचे प्रकारनां विरुद्ध श्रावके त्यागवां जोशए. हवे उचित आचरण कहीये बीये. पिता प्रमुख नव जनोनी साये उ
SR No.010519
Book TitleJain Tattvadarsha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayanandsuri, Mulchand Nathubhai Vakil
PublisherAtmaram Jain Gyanshala
Publication Year1899
Total Pages369
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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