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________________ (४५०) जैनतत्त्वादर्श. क्षित गुमास्ताने परदेश मोकले, जो पोतानेज परदेश जq पडे तो, शुन मुहूर्त, सारां शुकन, निमित्त देखीने तथा देव गुरुने वंदना करीने, मंगलपूर्वक, जाग्यवान् पुरुषोना सथवारामां, निनादि प्रमाद तजी, केटलाएक पोताना शातिबंधुने साये लश् जाय, कारण के जाग्यवान्ना सथवाराथी विघ्न नाश पाने बे. वली लेणदेण, गुप्त धन, सर्व, पिता नाश के पुत्रादिने बतावी जाय, पोताना संबंधीउने सारी शिखामण श्रापी जाय, बहुमानपूर्वक सेवकोने बोलावी जाय. जीववानी श्ला होय तो, देवगुरुर्नु अपमान करी, कोश्नी निर्ऋबना करी, स्त्री आदिने ताडना, तर्जना करी, अने बालकने रोवरावी न जाय. कदापि कोइ पर्वमहोत्सवादिना दिवसो निकट होय तो उत्सव करीने जाय. यतः॥ उत्सवमशनं सर्व, प्रगुणं चोपेक्ष्य मंगलमशेषं ॥ असमापिते च सूतक, युगेंगनत्तौ च नो यायात् ॥ १॥ वली दूध पीश्ने, मैथुनसेवन करीने, स्नानकरीने पोतानी स्त्रीने मारीने, वमन करीने, थुकीने, रुदन करीने, कठण शब्द सुणीने, गालो सुणीने, परदेश न जाय; वली शिर मुंडावीने, श्रांसु पाडीने, अने मागं शुकन यतां पण ग्रामांतर न जाय. वली कार्यने वास्ते जो चाखे तो जे स्वर वेहेतो होय, ते बाजुनो पग प्रथम उपाडी मुके, जेथी कार्यसिद्धि थाय. वली रोगी, वृद्ध, ब्राह्मण, आंधलो माणस, गाय, पूजनीय, राजा, गर्भवती स्त्री, नार उपाडनार, तेउने कां आपीने ग्रामांतर जाय. वली धान्य पाकुं अथवा काचुं तथा पूजा योग्य मंत्रमंडल तेने तजे नहि. वली स्नाननुं जल, रुधिर, मडडु, धुंक, श्लेष्म, विष्टा, मूत्र, बलतो अग्नि, साप, मनुष्य, शस्त्र, था वस्तुने उलंघे नहि. वली नदीने कांवे, गायना गोकुलमां, वडना फाडनी नीचे, जलाशयमां, अने कुवाना कांग उपर विष्टा न करे, वली रात्रि वृक्षनीचे न रहे. उत्सव तथा सूतक पुरां थये परदेश जाय, साथ विना परदेश न जाय, दासनी साथे न जाय, मध्याह्ने तथा अर्धरात्रिये मुसाफरी न करे. वनी क्रूर प्रकृतिवाला मनुष्य, कोटवाल, चाडीथा, दरजी, धोबीप्रमुख, अने नीचमित्रनी साथे गोष्ठि न करे, तेउनी साथे अकाले चाले नहि. वली पाडा, गधेडा अने गायनी असवारी करे नहि. वली हाथीथी हजार हाथ, गाडाथी पांच हाथ,अने घोडा तथा शिंगडावाला जनावरोधी द..
SR No.010519
Book TitleJain Tattvadarsha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayanandsuri, Mulchand Nathubhai Vakil
PublisherAtmaram Jain Gyanshala
Publication Year1899
Total Pages369
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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