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________________ २१ श्री सेठिया जैन ग्रन्थमाला विषय वोल भाग पृष्ठ प्रमाण अवग्रह प्रतिमाएं सात ५१८ २ २४८ याचा शृ २८ १७ १६ मनायज्ञान अवधिज्ञान ३७५ १ ३६१ ठा* उ ३१ ४६३,कर्म भा । गा ४,न. सू १ अवधिज्ञान और मनः ६१८ ६ १३७ भाग १उटी ,तत्त्वार्थ पर्यय ज्ञान में क्या अन्तर है शान मक्या अन्तरह अध्या . १ सू. २६ अवधिज्ञान के भेद १३ १ ११ । ठा. उ.१ सू ७१ अवधिज्ञान के छः भेद ४२८ २ २७ ठाउ ३ मृ ५२६ ,नं सृ हमें १५ अवधिज्ञान दर्शन मद ७०३ ३ ३७४ टा १० उ. मृ ७१०, ८ ५ अवधिज्ञान नारकी ५६० २ ३२३ जी प्रति 3म ८८ प्रवद्रा १७६ जीवों का गा १०८४ अवधिज्ञान के घलित ३७७ १ ३६२ टा०५ उ० १ २० २६४ होने के पाँच बोल अवधिज्ञानसाकारोपयोग७८६ ४ २६८ पन० प० २६ स० : १२ अवधिज्ञान से मन:पयेय ११८६ १३७ भ श १ 3 3 टी,तत्वार्थ, झानअलग क्यों कहा गया? अध्या. १ ८ २६ अवधि ज्ञानावरणीय ३७८ १ ३६४ ठा ५ उ.: म् १६४, कर्ग. भा १ गाह अवधिज्ञानी जिन ७४ १५३ ठा-३ उ०४ स० २२० अवधिदर्शन १६६ १ १५८ ठा ४३ ४सू ३६५ , कर्म, भा.४ गा. १२ ७८६४२६४ पन० प० २६ सृ० ३१२ अवधिदर्शन अना- कारोपयोग भवधिमरण अवधिलब्धि ८७६ ५ ३८२ सम.१७,प्रव.दा. 3गा १००६ ८५४ ६ २६१ प्रव. दा. २५० गा. १४६२
SR No.010515
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year1945
Total Pages403
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size11 MB
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