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________________ राजप्रश्नीय सूत्र सटीक मूल-प्राकृत,टीका-सस्कृत सती राजमती,हिन्दी राज. राजयोग, गुजराती (दो भाग) टीकाकार-श्रीमलयगिरि भागमोदय समिति वीर स २४५१ पूज्यश्री जवाहरलाल जी महाराज साहब के श्री हितेच्छु श्रावक मडल रतलाम, व्याख्यानों में से धीर स २४६३ स्वामी विवेकानन्द डाह्याभाई रामचन्द्र महेता अहमदावाद, (सन् १८६३-१९०२ ई ) सन् १६२१ ई उपाध्याय विनयविजयजी[१७वीं १८वींशताब्दी] प श्रावक हीरालाल हसराज जामनगर, अनुवादक श्रावक हीरालाल हसराज वि स १९६७ टीकाकार-श्रीअभयदेवसरि भागमोदय समिति [ वि स १०७२-११३५] पीर स २४४६ भाष्यकर्ता श्रीजिनभद्रगणि क्षमाश्रमण हर्षचद्र भूराभाई बनारस, टीकाकार-मलधारि श्री हेमचन्द्रसूरि वीर स. २४४१ लोक प्रकाश,सस्कृत गुजराती अनुवाद विपाकसूत्र सटीक मूल-प्राकृत,टीका-सस्कृत विशेषावश्यकभाष्य,प्राकृत टीका-सस्कृत,(विस ११७५) विहरमान एकविंशति वेदान्त परिभाषा व्यवहार सूत्र,मुल-प्राकृत हिन्दी अनुवाद सहित वेदान्त व्यव हिन्दी अनुवादक-श्रीअमोलखऋषिजी (विस १६३४-- राजाबहादुर लालासुस्त्रदेवसहाय ज्वालाप्रसाद जौहरी महेन्द्रगढ़, वीर स. २४४५
SR No.010515
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year1945
Total Pages403
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size11 MB
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