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________________ संकेत ब्राह्म. भरत (३२) ग्रन्थ नाम, भापा व काल ग्रन्थ कता और उसका काल प्रकाशन का स्थान व समय ब्रह्मसूत्र शाकरभाष्य, भामती, भाष्यकार-श्रीशंकराचार्य भामतीटीका-वाचस्पतिमिश्र तुकारामजावजी सेठ बम्बई, वेदान्त कल्पतरु और कल्पतरु वेदान्त कल्पतरु श्री अमलानन्द सरस्वती सन् १९१७ ई परिमल सहित,सस्कृत कल्पतरु परिमल श्री भप्पय दीक्षित भगवती (व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र टीकाकार-श्रीमभयदेवसूरि श्री भागमोदय समिति, सटीक, मूल प्राकृत-टीका (वि स १०७२-११३५) वीर सं २४४४-२४४७ सस्कृत(वि स ११२८) भाग३ भरतेश्वरवाहुबलि वृत्ति(दोभाग) वृत्तिकार शुभशील गणी देवचद लालभाई जैन पुस्तकोद्धारफंड बम्बई, मूल-प्राकृत, वृत्ति-सस्कृत (१५वीं १६ वीं शताब्दी) वीर सं. २४५८-२४६२ भावनाशतरू,मूल भावार्थ मौर शतावधानी श्री रत्नचर्द्रजी महाराज वद्रावनदास दयाल कोट वाजार गेट बम्बई, विवेचन सहित,मुल-संस्कृत वि.स 18३६-१६४८] वीर सं २४४७ भावार्थ और विवेचन-गुजराती योगशास्त्र स्वोपज्ञ विवरण श्री हेमचन्द्राचार्य श्री जैन धर्म प्रसारक सभा भावनगर, सहित,सस्कृत (वि स ११४५-१२२६) वीर सं २४५२ योगदर्शन, सस्कृत,भाष्य तथा सूत्रकार-महामुनि पातजलि, भाष्यकार-महर्षि कृष्ण एचडी गुप्ता एन्ड सन्स, चौखम्बा संस्कृत व्याख्या सहित द्वैपायन, व्याख्याकार-श्रीमद् वाचस्पति मिश्र बुकडिपो वनारस, सन् 1817 ई । रत्नाकरावतारिका(प्रमाण नय श्री रत्नप्रभसूरि हर्षचन्द्र भुराभाई धर्माभ्युदय प्रेस वनारस, तत्त्वालोकालंकारकोटीका)मम्कृत (वि तेरहवीं शताब्दी) वीर सं. २४३७ भावना रत्ना
SR No.010515
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year1945
Total Pages403
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size11 MB
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