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________________ २५४ श्री मटिया जैन ग्रन्थमाला विपर बोल भाग पृष्ठ प्रमाण महानिमित्त आठ ६०५ ३ १२१ टा सू.६०८,प्रवदा २५७ महानिग्रेन्यीय अध्ययन ८५४ ५ १३० उत्त अ २०गा.३८-४२ की पन्द्रह गाथाएं महा निर्जरा और महापर्य३६०, १ ३७४ टा ५३ १ -३६७ दमान के पाँच पाँच बोल ३६१ महा पञ्चक्रवाण पइण्णा ६८६ ३ ३५३ द०१० महा पद्मनिधि ६५४ ३ २२१ २ ६३३ सु ६५३ महापानिहार्य अरिहन्त.७८२ ४ २६० सग ३४,स ग द्वा.६७ महाबल कुमार की कथा ६१० ६ ५१ वि० म.१७ महामोहनीय कर्म के तीस:६०६ ३१० दना दनाम ३०, उत्त.य ३१ स्थान गाटो ,भाव , ४१.६१. महायुग्म सातह ८७१ ५ १७२ २.३५३, १९८५४ महाविदेह क्षेत्र के बत्तीस १७१ ७ ४३ अक्ष.४ ३.१० नोक.. विजय भास १७ महावीर __ ७७०४४ जनविता योयूमन : महावीर भगवान की चर्याह२२६ १६६ माना 31 विषयक तेईस गाथाएं महावीर भगवान् की तप-८७८ ५ ३८० माना.१ अ..' श्वयांविषयक सत्रह गाथाएं महावीर भगवानकीवसनिः७४ ५ १८२ याना. १३.२. विषयक सोला गाथाएं महावीर भगवानग्या - ७७५ ४ २३ विणे गा.१५१३ २०२४, रद गणधर ५१,मा ... मारवानिगा -१६
SR No.010515
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year1945
Total Pages403
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size11 MB
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