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________________ ३-मकान एक उगृण दरवाजे का चौकी समेत, जिसकी दरगज ३३६॥ है और ओ ठठारों की गली में वाके है, मोती, भोलु व गोलु टठारा से स १६७६ माह वदी ६ ता १५ जनवरी सन् १६२० ई को खरीदा और उस पर लागत लगाकर दो मजिले प्रासरे इमारत बनवाये इसके बाद वि स २००१ मिति प्रथम चैतवदी ६ ता ५ मार्च १६४५ को संस्थापक महोदय ने संस्था के हक में दानपत्र लिख दिया और तहसील मालमडी में रजिस्ट्री करादी । संस्था के नाम इस मकान का पट्टा बनाने के लिये भी राज्य में दरखास्त कर दी गई है । इस मकान के पासे पाम इस प्रकार है- मकान में प्रवेश करते ही दाहिनी ओर धन्ना ठठारा (फिलहाल जीवणजी महाराज) का घर है, बाई मोर हजारी ठारे का घर है, पीछे के तरफ आशुनाई का मकान है और सामने गली है। नोट - उक्त कलकत्ता एव बीकानेर दोनों जगह की स्थावर सपत्ति एक ही सस्था (सेठियाजेन पारमार्थिक सस्था) की है। प्रत. उनकी सुव्यवस्था क लिये यह आवश्यक है कि कलकते और बीकानेर की उक्त सपत्ति की देखभाल एक ही ट्रस्ट कमेटी के अधीन हो और एक से नियमों के अधीन उनका नियन्त्रण हो । अतएव सस्थापक महोदयों का विचार है कि कोटही और सेठिया लायबेरी के मकान की, बीकानेर राज्य में कराई हुई ता २८व ३० नवम्बर १९२३ की रजिस्ट्रियों को अपने सुरक्षित अधिकार के अनुसार रहकर संस्था की वीकानेर की सपत्ति के नये ट्रस्टडीड बनाये जायें पोर उनकी बीकानेर राज्य में रजिस्ट्री करा दी जाय । सेठिया जैन ग्रन्थमाला का प्रकाशन मेठिया जैन ग्रन्थमाला से श्री जैन सिद्धान्त वोल सग्रह के पाठभाग,सोलह सती, आर्हत प्रवचन, जैन सिद्धान्त कौमुदी, अर्द्धमागधी धातु रूपावली, कर्तव्यकौमुदी, सक्तिसग्रह,उपदेशशतक,सुखविपाक सार्थ,मागलिक स्तवन सग्रह प्रथम द्वितीय भाग, गुणविलास, गणधरवाद के तीन भाग, सक्षिप्त कानून संग्रह, प्रकरगा थोकड़ा सग्रह, प्रस्ताररत्नावली, पचीस वोल का थोकड़ा ,लघुदडक का योकड़ा, सामायिक तथा प्रतिक्रमगा सूत्र मूल और सार्थ इत्यादि कुल १०८ पुस्तकें प्रकाशित हुई है । विशंप विवरण के लिय सस्था का सूचीपत्र मगाकर देखिये । आर्डर भान पर पुस्तके वी पी द्वाग भेजी जायेगी। पता:- अगरचन्द भैरोंदान सेठिया जैन पारमार्थिक संस्था वीकानेर (राजपूताना) A garchand Bhairodan Setha Jain Charitable Institution, Bikaner
SR No.010515
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year1945
Total Pages403
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size11 MB
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