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________________ ( १० ) प्रिन्टिंग प्रेस इस वर्ष प्रेस का कार्य बहुत सुन्दर रीति से चलता रहा । अपनी संस्था की पुस्तकों के अतिरिक्त बाहर की पुस्तकें आदि भी प्रकाशित होती रहीं और प्रेस के कर्मचारियो मे भी वृद्धि हुई । शास्त्र भण्डार ( लायब्रेरी) इस वर्ष हिन्दी, अग्रेजी, धर्मशास्त्र, संस्कृत और जर्मन साहित्य आदि भिन्न भिन्न विषयों की ७५८ उपयोगी पुस्तकें खरीदी गई । १०१ सदस्यो ने २३७५ पुस्तको का अध्ययन करके लाभ उठाया । वाचनालय इस विभाग मे दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक, त्रैमासिक कई पत्र पत्रिकाएं आती हैं। ग्रन्थ प्रकाशन विभाग इस वर्ष निम्न लिखित पुस्तकें प्रकाशित हुईश्री जैन सिद्धान्त बोल संग्रह द्वितीय भाग । श्री जैन सिद्वान्त बोलसंग्रह तृतीय भाग । नवीन स्तवन संग्रह | ज्ञानोपदेश इकावनी | श्रनुपूर्वी और उसके कण्ठस्थ करने के विधि | पंच कल्याणक टीप दूसरी आवृत्ति ज्ञानापदेश भजन संग्रह । संस्थाओं के प्रबंध के लिए एक कमेटी बनी हुई जिसमें नीचे लिखे अनुसार पदाधिकारी तथा सदस्य हैं सभापति-— श्रीमान् दानव र सेठ भैरोदानजी सेठिया श्रीमान् जेठमलजी सेठिया मन्त्री
SR No.010512
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year1942
Total Pages529
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size20 MB
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