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________________ ७०१ ब्रह्मचर्य के समाधि स्थान दस ६२८ ब्रह्मचर्य गुप्ति नौ भ ५६५ भगवान् पार्श्वनाथ के गणधर आठ ६५७ भगवान् महावीर के दस स्वप्न ६२५ भगवान महावीर के नौग ५६६ भगवान् महावीर के : २८ : ३७२ १७३ ३ ६०४ महाग्रह आठ ६०५ महानिमित्त आठ २२४ १७१ पास दीक्षित आठ राजा ३ ६२४ म० भगवान् के शासन में तीर्थंकर गोत्र बाँधने वाले नौ जीव ७६३ भद्रकर्म बांधने के दस १६३ ४४४ स्थान ७३० भवनवासी देव दस ४१६ ६३१ भिक्षा की नौ कोटियाँ १७६ म ४४७ ७६४ मन के दस दोष ६२६ मन:पर्ययज्ञान के लिए आवश्यक नौ बातें १७२ ६८० मनुष्यभव की दुर्लभता के दस दृष्टान्त ७४३ महर्द्धिक देव स २७१ ४२१ १२१ १२१ ६५७ महावीर के दस स्वप्न२२४ ६२५ महावीर के नौ गए १७१ ५६६ महावीर के पास दीक्षित राजा आठ ३ ६२४ महावीर के शासन में तीर्थंकर गोत्र बाँधने वाले नौ १६३ ७५८ महानदियाँ (जम्बूद्वीप के उत्तर) ७५९ महानदियाँ (जम्बूद्वीप के दक्षिण) ६५४ महानदियाँ नौ ५६४ मांगलिक पदार्थ श्राठ ३ ७०३ मान के दस कारण ३७४ ५७७ माया की प्रालीयणा के आठ स्थान ५७८ माया की श्रालायणा ६९५ मिध्यात्व दस ६९९ मिश्र भाषा दस ६५९ मुँड दस ७०० मृषावाद दस य ६६१ यतिधर्म दस ६०१ योगांग आठ ४४० न करने के आठ स्थान १८ ३६४ र ४४१ २२० १६ ३७० २३१ ३७१ २३३ ११४ ६३९ रस नौ २०७ ६३३ रसपरित्याग नौ १७७ ५६६ राजा आठ भगवान् महावीर के पास दीक्षा लेने वाले. ३
SR No.010510
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year1942
Total Pages490
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size17 MB
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