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________________ २१ .. ६५४ निधियों नौ चक्रवर्ती | ५७९ प्रतिक्रमण के आठ २२० प्रकार और उनके ६०५ निमित्त पाठ १२१ दृष्टान्त ६४४ नियाणे नौ २१५ / ६४८ प्रतिवासुदेव नौ २१८ ६२९ मिश्विगई पञ्चक्खाण . ६६६ प्रति सेवना २५२ के नौ श्रागार १७४ ७०४ प्रत्याख्यान दस ७४७ नेरिए (दस)स्थिति ४२४ ६०७ प्रदेश रुचक पाठ १२५ ६४२ नैपुणिक वस्तु नौ २१३ ५७२ प्रभावक आठ ६३५ नोकषाय वेदनीयनौ २०३ | ५८० प्रमाद पाठ ६२७ नौ पुण्य १७२ | ६०६ प्रयत्नादि के पाठ स्थान १२४ ६८९ पइन्ना दस ३५३ | ५७० प्रवचन माता ५८९ पच्चक्खाण में आठ ६६५ प्रव्रज्या २५१ प्रकार का संकेत ४२ | ७२४ प्राण दस ४१३ ७०५ पच्चक्खाण नवकारसी ५८१ प्रायश्चित्त आठ ३७ आदि ३७६ / ६७३ प्रायश्चित्त दस २६० ६४० परिग्रह नौ २११ ७०८ पर्युपासना के परम्पग ६७५ बल दस २६३ फल दस ३८३ ६५१ बलदेव और वासुदेवों .. ५७० पाँच समिति तीन गुप्ति ८ के पूर्वभव के प्राचार्यों ६४३ पापश्रुत नौ २१४ के नाम २१९ ५६५ पार्श्वनाथ भगवान ६४६ बलदेव नौ २१७ के गणधर आठ ३ ६४९ बलदेवों के पूर्वभव के ६२७ पुण्य के नौ भेद १७२ नाम २१८ ६७७ पुत्र के दस प्रकार २६५/ ५८५ बातें पाठ उपदेश योग्य ३९ ६५६ पुण्यवन्त को दस बातें । ६१२ बादर वनस्पतिकाय प्राप्त होती हैं २२४ आठ १२९ ६१८ पुद्गल परावर्तन १३६ / ७४५ बादर वनस्पतिकाय ६०८ पृथ्विया आठ ४२२ . - - -- १२६
SR No.010510
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year1942
Total Pages490
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size17 MB
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