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________________ ६७९ संसार की समुद्र के ६९८ सत्यवचन के इस साथ दस उपमा २६९ प्रकार ३६८ ६८० मनुष्यभव की दुर्लभता ९९ सत्यामृषा(मिश्र)भाषा के दस दृष्टान्त २७१ | के दस प्रकार ३७० ६८१ अच्छेरे (आश्चर्य) दस २७६ ७०० मृषावाद के दस प्रकार ३७१ ६८२ विच्छिन्न (विच्छेदप्राप्त) ७०१ ब्रह्मचर्य के दस बोल दस २९२ समाधि स्थान ३७२ ६८३ दीक्षा लेने वाले दस | ७०२ क्रोध कषाय के दस चक्रवर्ती राजा २९२ नाम ३७४ ६८४ श्रावक के दस लक्षण २९२ ७०३ अहंकार के दस कारण ३७४ ६८५ श्रावक दस २९४ ७०४ प्रत्याख्यान दस ३७५ ६८६ श्रेणिक राजा की दस ७०५ श्रद्धापच्चक्खाण के रानियाँ ३३३ दस भेद ३७६ ६८७ आवश्यक के दसनाम ३५० ७०६ विगय दस ३८२ ६८८ दृष्टिवाद के दस नाम ३५१ ७०७ वेयावच्च दस ३८२ ६८९ पइण्णा दस ३५३ ७०८ पर्युपासना के परम्परा ६९० अस्वाध्याय (श्रान्त दस फल ३८३ रिक्ष) दस ७०९ दर्शन विनय के दस ६९१ अस्वाध्याय (ौदा ३८४ रिक) दस ३५८ | ७१० संवर दस ३८५ ६९२ धर्म दस ३६१ | ७११ असंवर दस ३८६ ६९३ सम्यक्त्व प्राप्ति के दस ७१२ संज्ञा दस ७१३ दस प्रकार का शब्द ३८८ ६९४ सराग सम्यग्दर्शन के ७१४ संक्लेश दस ३८८ दस प्रकार ३६४ ७१५ असंक्लेश दस ३८९ ६९५ मिथ्यात्व दस ३६४ ७१६ छधस्थ दस बातों को ६९६ शस्त्र दस प्रकार का ३६४ नहीं देख सकता ३८९ ६९७ शुद्ध वागनुयोग के ७१७ श्रानुपूर्वी दस ३९० दस प्रकार ३६५ / ७१८ द्रव्यानुयोग दस बोल बोल ३८६ बोल १२
SR No.010510
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year1942
Total Pages490
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size17 MB
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