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________________ :१६: २२४ ६३७ रोग उत्पन्न होने के नौ ६५७ भगवान महावीर स्वामी स्थान के दस स्वप्न ६३८ स्वप्न के नौ निमित्त २०६ ६५८ लब्धि दस' २३० ६३९ काव्य के रस नौ २०७ ६५९ मुण्ड दस २३१ ६४० परिग्रह नौ २११ ६६० स्थविर दस २३२ ६४१ ज्ञाता (जाणकार) के ६६१ श्रमणधर्म दस २३३ नौ भेद २१२६६२ कल्प दस २३४ ६४२ नैपुणिक नौ २१३ | ६६३ ग्रहणेषणा के ६४३ पापश्रुत नौ २१४ दस दोष २४२ ६४४ निदान (नियाणा) नौ २१५ / ६६४ समाचारी दस ६४५ लौकान्तिक देव नौ २१७ (प्रवचनसारोद्धार १०१द्वार) २४९ ६४६ बलदेव नौ २१७ | ६६५ प्रव्रज्या दस २५१ ६४७ वासुदेव नौ २१७ | ६६६ प्रतिसेवना दस २५२ ६४८ प्रतिवासुदेव नौ २१८ / ६६७ आशंसा प्रयोग दस २५३ ६४९ बलदेवों के पूर्वभव के । ६६८ उपघात दस २५४ नाम नौ २१८ | ६६९ विशुद्धि दस २५७ ६५० वासुदेवों के पूर्वभव के ६७० आलोचना करने योग्य नाम २१८ ___साधु के दस गुण २५८ ६५१ बलदेव और वासुदेवों | ६७१ आलोचना देने योग्य के पूर्वभव के आचार्यों साधु के दस गुण २५९ के नाम २१९ / ६७२ आलोचना के दस दोष २५९ ६५२ नारद नौ २१९ ६७३ प्रायश्चित्त दस २६० ६५३ अनृद्धिप्राप्त आर्य के ६७४ चित्त समाधि के नौ भेद २१९ | दस स्थान २६२ ६५४ चक्रवर्ती की महा ६७५ बल दस २६३ निधियाँ नौ २२० ६७६ स्थण्डिल के दस ६५५ केवली के दस अनुत्तर २२३| विशेषण २६४ ६५६ पुण्यवान् को प्राप्त होने ६७७ पुत्र के दस प्रकार २६५ घाले दस बोल २२४ ६७८ अवस्था दस
SR No.010510
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year1942
Total Pages490
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size17 MB
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