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________________ ३११ १८६ ४१६ २४६ २६६ [ ४३ ] विषय बोल नम्वर | विषय बोल नम्बर पोतक ३७४ | प्रमाण ३७ पौद्गलिक समकित प्रमाण चार २०२ पौपधोपवास का सम्यक प्रमाण संवत्सर ४०० अपालन प्रमाणांगुल ११८ पौषधोपवास शिक्षात्रत प्रमाद २८९ प्रकृति बन्ध २४७ | प्रमाद पांच २६१ प्रचला प्रमोद भावना प्रचला प्रचला ४१६ । प्रायोगिकी क्रिया प्रतान स्वप्न दर्शन ४२११ प्रवचन माता २२ प्रतिज्ञा ३८० प्रवृत्ति प्रतिपूर्ण (परिपूर्ण) पौषध व्रत प्रत्रज्या प्राप्त पुरुषों के चार के पांच अतिचार ३११ प्रकार १७६ प्रतिमा स्थायी ३५७ प्रव्रज्या स्थविर प्रतिसेवना प्रायश्चित्त २४५ | प्रव्राजकाचार्य ३४१ प्रतीति १२७ प्रश्न ४०४ प्रत्यक्ष प्रश्नाप्रश्न ४०४ प्रत्यक्ष प्रमाण २०२ प्रस्थापिता ३२६ प्रत्यक्ष व्यवसाय ८५ प्राणातिपातिकी क्रिया २६२ प्रत्यभिज्ञान ३७६ प्राणातिपात विरमण रूप प्रत्याख्यान के दो भेद ५४ प्रथम महाव्रत की पांच प्रत्याख्यानावरण भावनाएं प्रथम समय निर्ग्रन्थ ३७० प्रातीत्यिको ५ प्रात्ययिक व्यवसाय प्रदेश अनन्तक ४१७ प्राद्वेषिकी प्रदेश बन्ध २४७ प्रान्त चरक ३५२ १५८ प्रदेश २६२
SR No.010508
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year1940
Total Pages522
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size12 MB
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