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________________ ६२ [ २४ ] विषय बोल नम्बर , विषय बोल नम्बर अदत्तादान विरमण महाव्रत ३१६ ' अनर्थ दण्ड विरमण व्रत (क)१२८ अदत्तादान विरमण रूप तृतीय 'अनवकांक्षा प्रत्यया २६५ महाव्रत की पांच भावनाएं ३१६ । अनवस्थित सामायिक करण ३०६ अद्धा पल्योपम १०८ अनाचार २४४ अद्धा सागरोपम १०६ अनात्मभूत लक्षण अधर्मास्तिकाय २७६ अनानुपूर्वी ११६ अधर्मास्तिकाय के पांच प्रकार २७७ अनाभिग्रहिक मिथ्यात्व २८८ अधिकरण की व्याख्या और अनाभोग प्रत्यया २६५ उसके भेद ५० 'अनाभोग बकुश २६८ अधो दिशा प्रमाणातिक्रम ३०६ अनाभोग मिथ्यात्व २८८ अधोलोक ६५ अनाहारक अधोवेदिका ३२२ ' अनिवृत्तिकरण अधः करण ७८ ' अनुकम्पा २८३ अनङ्ग क्रीड़ा ३०४ अनुकम्पा दान १६५ अनगार धर्म २० अनुगम अनध्यवसाय १२१ , अनुत्पन्न उपकरणोत्पादन अनन्तक पांच ४१७ : विनय के चार प्रकार अनन्तक पांच ४१८ अनुपालना शुद्ध अनन्त जीविक ७० अनुप्रेक्षा ३८१ अनन्त संसारी ८ ' अनुभाग बन्ध २४७ अनन्तानुबन्धी १५८ अनुभापणा शुद्ध ३२८ अनर्थ दण्ड ३६ अनुमान अनर्थ दण्ड २६० अनुमान प्रमाण २०२ अनर्थ दण्ड विरमण व्रत के पांच | अनुयोग के चार द्वार २०८ अतिचार ३०८ अनुयोग के चार भेद २११ २३५ ३२८
SR No.010508
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year1940
Total Pages522
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size12 MB
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