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________________ ★ सेठ श्रोटाजी शिवदानजी, कोइम्बटूर - सादूर (मारवाड़) निवासी सेठ शीवदानजी के ३ पुत्र हैं- श्री ओटाजी व पी केशाजी। सेठ ओटाजी के विनयचन्दजी तथा श्री केशाजी के वेलराजनी नामक त्र हैं। श्री वेलराजजी के फूलचन्दजी और फूलचन्दजी के हीराचन्दजी नामक पुत्र . सेठ विनयचन्दजी ही फर्म के मुखिया हैं । आपका जन्म सं० १६७२ फाल्गुन शुक्ला १० है । कोयम्बटूर में आपकी २ दुकाने है । फर्मों के नाम (.१) ओटाज़ी शवदानजी तथा (२) एस० ओटाजी के नाम से है । फर्म पर गिरवी, साहूकारी लेन न का व्यवसाय है। यहां की प्रतिष्ठित श्रीमंत फर्मों में आपकी गिनती है। सेठ सुगनचन्दजी छल्लाणी . तंजोर - - - सेठ नेमीचन्दजी रघुनाथमलजी लूकंड़ गदग (धारवाड़) .. आपका मूलनिवास स्थान मोकलसर (मारवाड़) है । स्व० सेठ जेठमलजी के ३ पुत्र हुए. सेठ नेमीचंदजी, रघुनाथमलजी तथा रिखबचंदजी । आप तीनों बंध बड़े धर्मनिष्ठ व मिलनसार सज्जन हैं। शिक्षा व साहित्यिक कार्यों से बड़ा प्रेम. रखते हैं । सेठ नेमीचंदजी के जुगराजजी शान्तिलालजी तथा सेठ रघुनाथंमलजी के पावमलजी राजमलजी व बाबूलालजी नामक पुत्र है। - सेठ नेमीचंदजी रघुनाथमलजी के नाम से कपड़े का व्यापार होता है। ★सेठ जेठमलजी मुलतानचंदजी विजयानगरम् - भारुदां (मारवाड़) निवासी सेठ शेषमलज़ी श्री श्रीमाल के ५. पत्र हए श्री जेठमलजी, मुलतानमलजी, सुकनराजजी मिश्रीमलजी तथा बाबूलालजी । जेठमलजी एक उदार हृदयी सज्जन है। जेठमल मुलतानमल के नाम से आपकी im Ti-Tी निगों का शोक बंद व्यवसाय होता है । फिरोजाबाद और
SR No.010499
Book TitleJain Gaurav Smrutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain, Basantilal Nalvaya
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1951
Total Pages775
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size44 MB
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