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________________ जैन गौरव स्मृतियां . . ८०६ एक पुत्र है। श्री केवलचंदजी के जेष्ठ बन्धु श्री खींवराजजी के पुत्र श्री इन्द्रचंदजी है । आपका यह परिवार स्थानक वासी आम्नाय का अनुयायी है । : - आपके यहां "श्री जैन स्टोर्स" के नाम से नं. ३ तुलासींगम ट्रीट साहूकार पेठ में बढ़िया डिजायन के रेशमी कार्य "आरी भारत" और एम्ब्रायिडरी का काम जम्फर गवन, साड़ी इत्यादि का सुन्दर काम होता है । *सेठ कन्हैयालालजी गादिया, प्रारकोनम् (मद्रास) आप बगड़ी सज्जनपुर ( मारवाड़ के मूल निवासी है। आपके पिता श्री सेठ गुलाबचंदी बड़े धर्मात्मा सज्जन थे। सेठ कन्है लालजी एक मिलनसार नवीन विचारों के समाज प्रेमी नययुवक . . . . . . . M . . . M again Hawa/w ... | . . . . ima - " . , ' -un... . . .. .. ne '" . . - NJ 4 4 . . .mmon . Membraid.manda . ' FOR TAT जी कन्हैयालाल साहकार के नाम से आपकी फर्म स्टेडर्ड वेक्यूम आइल कम्पनी दी सीमेंट मार्केटिंग कंपनी ( इंडिया लि० ) की इजेण्ट तथा इम्पिीरिल केमिकल एण्डस्ट्रीज लि. की डिस्ट्रीब्यूटर है । तिरव लोर में भी एक ब्रांच है। T . . 1 . *खीसेठ वराजजी चोरडिया-मद्रस . .. स्थानकवासी धर्मानुयायी श्री सेठ खीवराजजी का जन्म सं. १९७२ मिति - आसोज सुदि : को हुआ । आप नोखा (जोधपुर ) निवासी है। जैन हाईस्कल में २१००) की लागत का एक हाल बनवा कर अपनी शिक्षा प्रेम का परिचय . दिया। आप बड़े दी उदारदिल और मिलनसार सज्जन है । अपनी योग्यता से फर्म की आपने अच्छी उन्नति की है। मेसर्स चोरड़िया त्रादर्स जबरन दाली स्ट्रीट साहुकार पेठ पर आपकी फर्म मनीलेएडरी का व्यवसाय वडा रूप करती है। श्री संठ खीवराजजी के देवराजजी तथा नवरत्नमल नामक . दो पुत्र है।
SR No.010499
Book TitleJain Gaurav Smrutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain, Basantilal Nalvaya
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1951
Total Pages775
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size44 MB
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