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________________ . in " जैन-गौरव-स्मृतियां ५७३ ★सेठ कन्हैयालालजी कांकरिया, परभणी आपका मूल निवास स्थान आसोप ( राजस्थान ) हैं। सेठ हीरालजी कांकरिया के चार पुत्र हुए-श्री चन्दूलालजी, श्री सुवालाल जी, श्री छगनलालजी तथा श्री कन्हैयालालजी। श्री चन्दूलालजी के केशरीमलजी व मोहनलालजी नामक २ पुत्र हैं। श्री सुवालालजी के अमोलकचन्दजी तथा श्री छगनलालजी के शान्तिलाल व कांतिलाल नामक पुत्र हैं। श्री कन्हैयालालजी एक विचार शील सज्जन है। परभणी के प्रतिष्टित व्यक्तियों में आपकी मान्यता है । आनरेरी मजिन्दूट है। आपने इस अल्पायु में ही बी ए. एल. एल. बी. की डिग्री प्राप्त की है। बम्बई युनिवर्सिटी के डाक्ट रेट भी है। . आपकी धर्म पत्नी श्रीमती मान कंबर बाई भी एक विदुपी महिला हैं । आपने वर्धा महिला विद्यापीठ की वनिता पराक्षा उत्तीर्ण की है। ...-... -14 - - - . ..... __* सेठ पन्नालालजी सिंघवी, परभणी आपका मूल निवास स्थान चंडावल (मारवाड़) है। पिताजी सेठ सोहन लालजी सिंघवी आप एक सुविचार शील सुधार प्रेमी उदार प्रकृति के सज्जन है। मेमर्स मोहनराज पनराज नाम से आपनी फर्म पर पीतल १ तांबे के चर्ननों का थोक व्यापार होता है।
SR No.010499
Book TitleJain Gaurav Smrutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain, Basantilal Nalvaya
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1951
Total Pages775
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size44 MB
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