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________________ जैन-गौरव-स्मृतिया HHHHHHHHHHHINAR MARAT "Irrrrr ry: एवं फकीरचन्दजी कानूगो की जमीन जायदाद जप्त करके तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने फांसी पर लटका दिया ।। इसी वंश में लाला भिकारीलालज का जन्म हुआ। पहले यह परिवार अम्बाला कमिश्नरी का निवासी था परन्तु १८५७ के बाद यहाँ चले आये । आप अग्रवाल जैन जाति के सज्जन है। श्री भिकारीलालजी सद् परिश्रमी धर्मनिष्ठ एवं कुशल सज्जन है । आपके बड़ी भारी जमीदारी है जिसमें किसान विना किसी झगड़े के काश्त करते हैं और आपसे बहुत खुश रहते हैं। आप बड़े उदार दिल और सेवा भावी सज्जन है। श्री आदिश्वरकुमार और आनन्दकुमार नामक आपके दो पुत्र है जो होनहार एवं प्रतिभा शाली है। बाईस सम्प्रदाय में आपका यह परिवार बड़ा प्रतिकि तहै । आपकी आयु ४५ वर्ष की है।. . . . ... . * लाला गणपतराय रामजीदामजी जैन बावेल साढौरा श्री सेठ रामजीदास जी के पुत्र खैरातीलालजी का जन्म सं० १६७१ श्रावण सुदी नवमी का है। आप एक उत्साही लगन शील एवं कर्मठ व्यक्ति है । स्थानीय हिन्दू गर्ल्स स्कूल के मैनेजर, एस.एस. जैन सभा के प्रेसिडेण्ट एवं "कृष्णा कोऑपरेटिव बैङ्क" के वाईस प्रेसिडेण्ट हैं । आपके पूर्णचन्दजी, प्रद्युम्नकुमार जी, जिनेन्द्रकुमारजी एवं अजीतप्रसाद जी नामक चार पुत्र हैं। श्री खैरातीललाजी के लघुभ्राता विलायतीरामजी का जम सं० १६६४ का आसाढ़ सुदि ७ का है। वर्तमान में आप केन्द्रीय सरकार के फाइनेसं विभाग में असिस्टेण्ट इंचार्ज है । पाप भी उच्चविचारों के आदर्श युवक हैं । आपके अयभकुमारजी एवं जीवणलालजी नामक दो हैं। ___ "गणपतराय रामजीदासजी जैन" नामक आपकी फर्म पर सुव्यवस्थित रूप से वस्त्र व्यवसाय होता है। * लाला संतलालजी उमरिया-भिवानो लाला मुखरामजी उमरिया के पुत्र लाला संतलालजी का जन्म सं. ११ आपाद सुदिका है। आप समाज सेवक, धार्मिक मनोवृत्ति के उदार चता साजन - . . . .... .... ...
SR No.010499
Book TitleJain Gaurav Smrutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain, Basantilal Nalvaya
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1951
Total Pages775
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size44 MB
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