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________________ ... जैन-गौरव:स्मृतियाँ लाला गोपीचंदजी का जन्म सं० १६२२ का है । राज दरचार मैं आप अच्छा सम्मान पाया । सं० १६६३ में आप स्वर्ग वासी हुए। आपके सुपुत्र श्री किशोरीलालजी का जन्म सं० १६५४ का है । आप शिक्षा प्रेमी तथा जाति सेवक महानुभाव हैं । जैन कन्या पाठशाला अम्बाला शहर के मैनेजर, जैन हाई स्कूल की मैनेजिंग कमेटी के मेम्बर एवम् श्वेताम्बर जैन संघ (पंचायत) के मंत्री भी . रह चुके हैं। अभी आप सरकार की ओर से असेसर है । आपके रतनचंदजी .. तथा जगीन्द्रकुमार नामक दो पुत्र हैं। श्री रतनचंदजी उत्साही तथा. धर्म प्रेमी युवक है तथा जैन युवक मंडल में विशेष भाग लेते हैं । आपही "गोपीचंद ." किशोरीलाल जैन सर्राफ" नामक फर्म का सुचारु रुप से चल रहा है । आपके सतीशकुमार ( धर्मवीर ) नामक पुत्र है । श्री जगीन्द्रकुमारजी अभी विद्याध्ययन. = कर रहे हैं। सेठ लाल दिलारामजी ज्ञानचन्दजी चौधरी, मलेर कोटला .. दिलारामजी की आयु ६५ वर्ष की है । आप धर्मानुरागी एवं दयालु सज्जन हैं। आपके रोशनलालजी और ज्ञानचन्दजी नामक दो पुत्र हैं। श्री रोशनलालजी ४५ वर्ष के हैं, सत्य प्रकाश नामक पुत्र हैं। श्री रोशनलालजी धार्मिक एवं सामाजिक कार्यों में अग्रसर होकर भाग लेते रहते - . . . NErone ह ... JANUARY श्री ज्ञानचन्दजी धर्मात्मिक एवं . शिक्षा प्रेमी है। श्री पूज्य विजय बल्लभ रूरीश्वरजी म. सा. के उपदेशों का आप पर बहुत असर पड़ा । मन्दिर के जीर्णो द्धार में आपने बड़ा परिश्रम कि या : आत्मानंद जैन हाईस्कूल के सेकेट्ररी पद पर रहकर आपने स्कूल की बड़ी सेवा की। आप लोग अग्रवाल जैन श्वेताम्बर श्री ज्ञानचन्दजी मलेरकोटला . . आम्नाय के उपासक हैं । आपकी फर्म पर लोहे का व्यवसाय वृहद् रूप से . होता है।
SR No.010499
Book TitleJain Gaurav Smrutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain, Basantilal Nalvaya
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1951
Total Pages775
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size44 MB
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