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________________ जैन-गौरव-स्मृतिया प्रारम्भ किया। फतेहलालजी के हाथों से फर्म की खूब उन्नति हुई। आपके पुरुषार्थ पूर्ण प्रयत्नों से आस पास में जो बकरे, पाडे आदि का बलिदान होता था वह बन्द हो गया । धर्म के मामलों में आप बहुत कट्टर थे। श्रापके पुत्र श्री किशनलालजी पृथवीराजजी व श्री गणेशमलजी व्यवहार कुशल और मिलनसार सज्जन है । आप सब सहोदर उन्नत विचारों के धार्मिक सज्जन हैं । स्थानीय ओसवाल समाज में आपका परिवार प्रतिष्टित और सम्मान - * श्री महावीर ब्रह्मचर्याश्रम दि० जैन गुरुकुल कारंजा ( वरार) श्राश्रम की संस्थापन वीर सं० २४४४ की अक्षय तृतीया को हुई। धार्मिक और सांस्कृतिक शिक्षासहित लौकिक शिक्षा देकर भावी संतान को योग्य बनाना यह संस्था का ध्येय है । संस्था अपने ध्येय के अनुसार बरावर ३३ वर्ष से कार्य कर रही है। संस्था में साधन संपन्न व्यायामशाला, समृद्ध ग्रंथालय, नियमित व्याख्यान समिति, सिद्धांत विद्यालय, प्रथमाला, मुद्रणालय, वाचनालय आदि विभाग है। जिससे विद्यार्थियों के सर्वागीण उन्नति विकास के लिए प्रबन्ध है। आज तक करीवन २००० (दो हजार) विद्यार्थियों ने शिक्षा लाभ उठाया है। संस्था से शिक्षा प्राप्त स्नातकों के द्वारा समाज में बाहुबली (कोल्हापुर) स्तवनिधी (वेलगांव) सोलापुर, गजपंथ कारकल (द० कनडा) देवलगांव राजा (बरार), खुरई (सी० पी) रामटेक (सी० पी०) आदि स्थानों में गुरुकुल संस्थाओं का संचालन हो रहा है और कई स्नातक प्रोफेसर, डाक्टर, अध्यापक है। संस्था के मूल संस्थापक श्री पू० जुल्लक १०५ रवामी संमतभद्रजी हैं। आप बाल ब्रह्मचारी, बम्बई युनिवर्सिटी के ग्रेज्युएट है । धर्म शास्त्र के विशेष ज्ञाता प्रात्म नुभवी और प्रभावी समाज कार्यकर्ता है । आप ही के धर्म प्रेम और कार्य नैपुण्य के प्रभाव से संस्थाओं का निर्माण, संरक्षण और विकास हुआ है श्रीमान विद्ववर्य व्यायखन वाचरांत पंडित देवकीनंदनजी सिद्धांतशास्त्री श्रापके कार्य सहयोगी रहे है। संस्था के सभापति श्री वालचंदजी देवीदामजी चवरे वकील है तथा मंत्री श्री विष्णुकुमार गोविंदसा डोमगांवकर और प्रधानाध्यापक श्री प्रेमचंदजी देवचंदजी शाह एम० ए० एल० एल० वी है जो कि आश्रम के ही भूतपूर्व स्नातक है और ऑनरेरी कार्यकर्ता है। संस्था के प्रधान दातारों में:. सेट जम्बूदास देवीदासजी चवरे कारजा, सेठ प्रभुदास देवीदासजी चवरे कारजा, सेठ प्रद्यन्नशा चांगासाव डोणगांवकर कांग्जा, सेठ जिनवरसा गंगासाव चवरे कारजा, सेठ मोतीलाल ओंकारमाव चंवरे कारजा, सेठ जोतीराम दलचंद दोशी सोलापुर सेठ वालचंद नानचंद शाह सोलापुर, सेठ माणिकचंद वीरचंद
SR No.010499
Book TitleJain Gaurav Smrutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain, Basantilal Nalvaya
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1951
Total Pages775
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size44 MB
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